वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा: वास्तुदोष के कारण कई बार बर्बाद हुआ युक्रेन

punjabkesari.in Monday, May 30, 2022 - 11:31 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

War in Ukraine: 24 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति श्री पुतिन ने घोषणा की कि उन्होंने पूर्वी युक्रेन में विशेष सैन्य अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। श्री पुतिन की घोषणा के कुछ ही मिनटों के भीतर, कीव, खारकीव, ओडेसा और डोनबास में विस्फोटों की सूचना मिली।

Ukraine war life in ukraine during war : रूस-युक्रेन युद्ध का मंजर दिल दहलाने वाला है। करीब 3 महीनों से जारी युद्ध की विभीषिका बढ़ती ही जा रही है। रूस के बारूदी गोलों और मिसाइलों ने युक्रेन को राख के ढेर में तबदील कर दिया है। लोगों के घर, कारोबार, दुकान, फैक्ट्रियां सब कुछ युद्ध की आग में भस्म हो चुके हैं। युवा अपने देश को बचाने के लिए सेना की मदद कर रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 18 से 60 वर्ष के बीच के सभी युक्रेनी पुरुषों की एक सामान्य लामबंदी का आदेश दिया। इसी कारण से उस आयु वर्ग के युक्रेनी पुरूषों को युक्रेन छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसलिए औरतें, बच्चे, बूढ़े अपना सब कुछ खो कर युक्रेन की सीमाओं की तरफ भाग रहे हैं ताकि दूसरे देश में पहुंच कर अपनी जान बचा सकें।

युक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित यूरोप का सबसे बड़ा देश है। इसकी सीमा पूर्व में रूस, उत्तर में बेलारूस, पोलैंड, स्लोवाकिया, पश्चिम में हंगरी, दक्षिण-पश्चिम में रोमानिया और माल्दोव और दक्षिण में कालासागर और आग्नेय कोण में अजोव सागर से मिलती है। युक्रेन का आधुनिक इतिहास 9वीं शताब्दी में तब से प्रारम्भ होता है जब यह कीवियन रूस के नाम से एक बड़ा और शक्तिशाली राज्य बनकर खड़ा हुआ था। 12वीं शताब्दी में यह देश उत्तरी लड़ाई के बाद क्षेत्रीय शक्तियों में विभाजित हो गया।

19वीं शताब्दी में इसका एक बड़ा भाग रूसी साम्राज्य का एवं शेष भाग आस्ट्रो-हंगेरियन नियंत्रण में आ गया था। पोलैंड ने पोलिश-युक्रेनी युद्ध में पश्चिमी युक्रेन को हराया। पश्चिमी यूक्रेन को पोलैंड में सम्मिलित कर लिया गया, जिसे मार्च 1919 में यूक्रेनी सोवियत समाजवादी गणराज्य के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। सोवियत सत्ता की स्थापना के साथ ही, यूक्रेन के आधे क्षेत्र में पोलैंड, बेलारूस और रूस का अधिकार हो गया, जबकि दनिएस्टर नदी के बाएं किनारे पर मालदीवियन स्वायत्तता राष्ट्र का निर्माण हो गया। यूक्रेन दिसंबर 1922 में सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ का एक संस्थापक सदस्य बन गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युक्रेनी आबादी का कुल नुकसान का अनुमान 5 से 8 मिलियन के बीच था। इस युद्ध में भी युक्रेन को भारी क्षति हुई थी। 1945 में यूक्रेनियाई एसएसआर संयुक्त राष्ट्र संघ का सह-संस्थापक सदस्य बना। सोवियत संघ के विघटन के बाद युक्रेन पुनः स्वतंत्र देश बना।

26 अप्रैल 1986 को युक्रेन की उत्तर दिशा स्थित चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के एक रिएक्टर में विस्फोट हुआ, परिणामस्वरूप चेर्नोबिल दुर्घटना हुई, जो इतिहास की सबसे खराब परमाणु रिएक्टर दुर्घटना मानी जाती है। दुर्घटना के समय 7 मिलियन लोग उस क्षेत्र में रहते थे, जिसमें से 2.2 मिलियन लोग युक्रेन के थे। 26 फरवरी 2014 को हथियार बंद रूस समर्थकों ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप में संसद और सरकारी बिल्डिंगों पर कब्जा कर लिया।

Vastudosh in Ukraine: इस प्रकार सदियों से यूक्रेन में युद्ध एवं अन्य कारणों से विनाश होता रहा है। इन सबके पीछे युक्रेन की भौगोलिक स्थिति में वास्तु दोषों की भूमिका रही है। आइए देखते हैं ऐसे कौन से वास्तुदोष हैं जो युक्रेन को बार-बार बर्बादी की ओर धकेल देते हैं -

युक्रेन की जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा है उसके पूर्व दिशा स्थित रूस का भाग इस प्रकार आगे बढ़ा हुआ है जिससे युक्रेन का ईशान कोण वाला भाग घट गया है। यह एक महत्वपूर्ण वास्तुदोष होता है, जिसके कारण देश की आर्थिक स्थिति खराब रहती है। इसलिए युक्रेन में यह स्थिति सदियों से बनती रही है।

युक्रेन की दक्षिण दिशा में काला सागर और आग्नेय कोण में अजोव सागर है। इसी कारण युक्रेन की जमीन की ढलान एक ओर तो दक्षिण दिशा की ओर है, वहीं दूसरी ओर आग्नेय कोण में स्थित अजोव सागर की ओर है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जहां दक्षिण दिशा में नीचाई और भारी मात्रा में पानी का जमाव हो, वहां महिलाओं के साथ अन्याय और अत्याचार होते हैं, साथ ही स्त्रियों को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक कष्ट होते हैं। साथ ही आग्नेय कोण में नीचाई और भारी मात्रा में पानी का जमाव होने पर देश को शत्रु भय होगा, विवाद और युद्ध के कारण बनते हैं, साथ ही संतान (आबादी) नष्ट होती है। जिस किसी देश की यह भौगोलिक स्थिति है वहां युद्ध होते रहते हैं।

यूं तो हमेशा से ही युद्ध-ग्रस्त इलाकों में संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय रूप से महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बनाते रहे हैं। युद्ध के हालात में विस्थापन के चलते दूसरे देशों में पनाह लेने वाली ज्यादातर महिलाएं वेश्यावृत्ति, आपराधिक गतिविधियों, मानव तस्करी और गुलामी के जाल में फंस जाती है। शरणार्थी के रूप में दूसरे देशों में पहुंचने वाली औरतें मानव तस्करों का शिकार बन जाती है। औरतों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें दुष्कर्म और यौन दासता की अंधेरी सुरंग में हमेशा के लिए धकेल दिया जाता है। मीडिया से मिल रही जानकारी के अनुसार यूक्रेन की महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाएं बहुत ज्यादा घट रही हैं। जो दक्षिण दिशा स्थित काले सागर के कारण उत्पन्न हो रही हैं।

वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News