विश्वनाथ मंदिर में बिछा कालीन, बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक

punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 08:59 AM (IST)

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सावन मास की शुरुआत के साथ ही देश भर में प्रसिद्ध शिव व ज्योर्तिलिंग मंदिरों में भोले उमड़ पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का मास भगवान शंकर को अधिक प्रिय है, जिस कारण इनके भक्त अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करते हैं जिससे वे शिव शंकर को प्रसन्न कर उनकी कृपा पा सके। इस दौरान लोग विधि वत इनके पूजा के साथ-साथ देश में स्थापित विभिन्न प्राचीन व प्रसिद्ध शिवालयों में जाते हैं। इन प्रसिद्ध मंदिरों में एक काशी में स्थित विश्वनाथ मंदिर जहां हर साल सावन, महाशिवरात्रि, व अन्य शिव पर्वों पर शिव जी के भक्तों की भीड़ दिखाई देती है। आज यानि 25 जुलाई से सावन का मास आरंभ हो चुका है, जिसक साथ ही तमाम शिव मंदिरों के साथ विश्ववाथ मंदिर में भक्तों के आने की तैयारियां जोरो-शोरों पर है। बताया जा रहा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कालीन बिछाई जा रही है। तो वहीं गोदौलिया से विश्वनाथ मंदिर के बीच नए मार्ग पर स्टील जबकि निर्माणाधीन मार्गों पर बल्लियों की बेरिकेडिंग हो रही है। विश्वनाथ भगवान के दर्शन करने के लिए इस बार मैदागिन से मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को पथरीली सड़क से गुजरना होगा।

मंदिर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंदिर कॉरिडोर का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जिस कारण इस बार भी दर्शनार्थियों को कतार लगानी पड़ेगी। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे है कि आवागमन वाले मार्गों को बेहतर कर दिया जाय ताकि कोई असुविधा न हो। सावन के मद्देनजर सभी देवालयों में तैयारियां भी पूरी हो चली हैं। मृत्युंजय महादेव मंदिर को जाने वाले मार्गों पर बैरिकेडिंग हो गई है, जहां पर श्रद्धालु शिव जी के लिंग रूप का जलाभिषेक कर सकेंगे।

इसके अलावा आपको बता दें पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी क्योंकि़ भक्त न तो काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे और न ही बाबा का स्पर्श दर्शन ही कर सकेंगे। झांकी मात्र से ही श्रद्धालु को दर्शन कर पाएंगें। तथा जलाभिषेक भी गर्भगृह के बाहर लगे अरघे से ही सकेंगे। बताया गया है कि कोरोना महामारी के बीच तीसरी लहर की संभावना और सावन पर बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में उमड़ने वाली भक्तों की तादाद को देखते हुए ही इस बार भी पिछली बार सावन माह की ही तरह वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन को लेकर काफी पाबंदियां रखी गई हैं। 

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनिल वर्मा ने बताया कि खासतौर पर सावन के सोमवार के दिन काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को वर्जित किया गया है। ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा न होने पाए। पूरे सावन में ही गर्भगृह में प्रवेश पर रोक रहेगी। हालांकि आगे भीड़ को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा और जहां तक जलाभिषेक की बात है तो पिछले साल की ही तरह गर्भगृह के बाहर लगे अरघे में से श्रद्धालु गंगाजल डालकर बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे। 

मार्कंडेय महादेव मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था 
जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य ने मार्कंडेय महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए उमड़ने वाले लोगों के मद्देनजर बीते को सुरक्षा व्यवस्था की जांच की तथा स्थानीय लोगों से कोविड गाइड लाइन के पालन का आग्रह किया। दूसरी ओर मंदिर परिसर के आसपास पूरे दिन बैरिकेडिंग व बिजली व्यवस्था का काम चला।

शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर में तैयारी पूरी 
काशी का दक्षिण द्वार कहलाने वाले शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर में सावन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर परिसर में बैरेकेडिंग की गई। तो वहीं घाट से आने वाले रास्ते पर भी बैरेकेडिंग है। मंदिर पुजारी द्वारा बताया गया कि दर्शन-पूजन की सभी तैयारी पूरी है। तो वहीं चौकी प्रभारी अखरी उमेश राय ने जानकारी दी कि प्रत्येक सोमवार को यहां पुलिस ड्यूटी लगाई जाएगी।


 


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Content Writer

Jyoti

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