Ramadan 2022 (7th april 2022): ये है आज का माह-ए-रमजान का समय

punjabkesari.in Thursday, Apr 07, 2022 - 08:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथx

Ramadan 2022: माह-ए-रमजान में इबादत की जाती है। पूरे महीने लोग रोजा रखकर अल्लाह से दुआएं करते हैं। साथ ही मस्जिदों में नमाज-ए-इशा के बाद तरावीह पढ़ते हैं। यह महीना मुस्लिम समाज के लिए बेहद पाक माना जाता है। 

ये है आज का माह-ए-रमजान का समय
इफ्तार
6:42

सेहरी
4:43

तीन अशरों में बंटा है रमजान का महीना 
इस्लाम के मुताबिक, पूरे रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। अशरा को अरबी में 10 कहा जाता है। पहला अशरा (1-10 रोजा) रहमत का होता है। इसमें ज्यादा से ज्यादा दान कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। दूसरा अशरा (11-20 रोजा) माफी का होता है। इसमें लोग खुदा की इबादत कर अपने गुनाहों से माफी पा सकते हैं।  ऐसा कहा जाता है कि खुदा अपने बंदों को जल्द माफ कर देता है। तीसरा अशरा (21-30 रोजा) सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस आखिरी अशरे में सिर्फ खुदा को राजी करने के लिए इबादत करते हैं। इस महीने की सबसे बड़ी खासियत है अल्लाह द्वारा दी हर नेमत के लिए उसका शुक्र अदा करना।

रमजान की फजीलतें
दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना रमजान : रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना हैए ताकि रोज़दारों में भले-बुरे को समझने की क्षमता पैदा हो। सामाजिक नजरिए से रोजा इंसान की अच्छाई है। रोज़ा यानी तमाम बुराइयों से रुकना या परहेज़ करना। ज़ुबान से बुरा न बोलना, बुरा न देखना, बुरा न सुनना, हाथ-पैर और शरीर के अन्य हिस्सों से कोई बुरा काम न करना।

-मौलाना इख्तियार अहमद

जिंदगी गुजर बसर करने के अल्लाह ने तरीके बताए:  रमजान का मुकद्दस महीना रोजा (उपवास) इबादत, दुआओं और हर तरह की बुराइयों से बचने के साथ आत्मपरीक्षण का महीना है। रोजा हमें आत्मसंयम, बलिदान, आपस में प्रेम और भाईचारा, धर्म से ऊपर उठकर मानवता की सेवा, जरूरतमंदों के लिए दान, सहानुभूति, सांसारिक चीजों से अलगाव और अल्लाह से निकटता आदि का पाठ पढ़ाता है। इस्लाम में रमजान की काफी एहमियत है। इस पाक महीने में अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है।              

-एम.के. अली


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News