Ramadan 2022 (5th april 2022): ये है आज का माह-ए-रमजान का समय

punjabkesari.in Tuesday, Apr 05, 2022 - 09:06 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ramadan 2022: माह-ए-रमजान में इबादत की जाती है। पूरे महीने लोग रोजा रखकर अल्लाह से दुआएं करते हैं। साथ ही मस्जिदों में नमाज-ए-इशा के बाद तरावीह पढ़ते हैं। यह महीना मुस्लिम समाज के लिए बेहद पाक माना जाता है। 

माह-ए-रमजान का समय
इफ्तार
6.41

सेहरी
4.48

रोजे भी रखें और सेहत भी बनाएं 
रमजान के पवित्र महीने में जो लोग रोजे रखते हैं, उन्हें अपना ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। रोजा इफ्तार के समय खजूर, शिकंजी, नारियल पानी, सत्तू तुखमलंगा आदि जैसी पारंपरिक ड्रिंक्स ही लेनी चाहिए। कोल्ड ड्रिंक्स, स्ट्रिंग,रेड बुल, हेल जैसे खतरनाक ड्रिंक्स बिल्कुल नहीं लेने चाहिए। खाने में फलों की चाट, उबले चने की चाट, दाल मोठ आदि जैसी चीजों का ही सेवन करें। किसी तरह की पकौड़ी, चिकन फ्राई, कबाब, दही बड़े, आलू चाट आदि चीजें का बिल्कुल भी सेवन न करें और फिर रात के खाने दाल चावल, हरी सब्जियों का सेवन, चिकन का कलिया व सलाद आदि साथ में ले सकते हैं। सेहरी में भी सादा खाना ही खाएं। भारी भरकम खाना बिल्कुल न खाएं और सेहरी के बाद थोड़ा पैदल जरूर चलें फिर कुछ समय का आराम करें। -डॉ.फहीम बेग

रमजान की फजीलतें
फितरा-जकात से गरीबों के घर आती है खुशियां 
मैं नमाज पढ़ने के बाद अल्लाह से दुआ मांगता हूं कि हमारे देश को कोविड-19 से मुक्ति मिल जाए।  रमजान का महीना बरकतों वाला है और रोजा हमें अच्छे कार्य के लिए प्रेरित करता है। हमें ईद से पहले जकात-फितरा गरीबों-बेसहारा लोगों में तकसीम कर देना चाहिए। जकात फितरा के रूप में जो पैसा गरीबों में तकसीम किया जाता है, उससे उन गरीबों के घर भी खुशियां आती हैं, जो इस लायक नहीं हैं कि अच्छे से ईद मना सकें। -अमान खान,छात्रा

अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर देता है  
अल्लाह का सबसे पंसदीदा महीना माहे रमजान है। इसमें अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर देता है और नेकियों के बदले सवाब को 70 गुना तक बढ़ा देता है। अल्लाह ने रोजा सिर्फ भूख और प्यास का नहीं बनाया है, बल्कि पूरे जिस्म का रोजा होता है। फितरा अदा करना हर मुसलमान का फर्ज है और जकात अदा करना हर उस मुसलमान पर फर्ज है, जो इस लायक हो। जो शख्स जकात नहीं अदा करता, वह बहुत बड़ा गुनहगार है। अल्लाह ने समाज के मजबूत और दौलतमंद लोगों पर साल में एक बार गरीबों की मदद की जिम्मेदारी डाली है। -हाजी जाहिद


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News