Rama Ekadashi 2020: क्या है शुभ मुहूर्त व इसकी पूजन विधि, 1 ही क्लिक में जानें यहां
punjabkesari.in Tuesday, Nov 10, 2020 - 01:10 PM (IST)
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प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत मनाया जाता है। आमतौर रपर हर एकादशी को भगवान विष्णु जी की पूजा का विधान है। परंतु इस खास तिथि पर देवी लक्ष्मी की आराधना करने का अधिक महत्व है। ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं कि इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भगवान विष्णु जी की अपार कृपा प्राप्त होती है। बता दें इस बार रमा एकादशी का व्रत 11 नवंबर, 2020 दिन बुधवार को मनाय जाएगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष रमा एकादशी का व्रत दिवाली से चार दिन पहले पड़ता है। एकादशी की पूजा के साथ ही दिवाली का उत्सव आरंभ हो जाता है। रमा एकादशी से जुड़ी कथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
चलिए जानते हैं क्या है इसका शुभ मुहूर्त साथ ही साथ जानेंगे इस दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए-
सनातन धर्म के शास्त्रों में एकादशी तिथि समस्त शुभ तिथियों में से एक माना गया है। जिनमें से रमा एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी माना गया हैं क्योंकि समस्त एकादशी तिथियों में से कुछ ही तिथियों पर माता लक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ होती है। बता दें एकादशी का व्रत एक दिन पहले से ही शुरू होता है जिस कारण ज्योतिष कहते हैं कि दशमी के दिन सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण कर लेना चाहिए।
रमा एकादशी पूजा मुहूर्त-
एकादशी तिथि आरंभ- 11 नवंबर 2020, (बुधवार) सुबह 03 बजकर 22 मिनट से।
एकादशी तिथि समाप्त- 12 नवंबर 2020 (गुरुवार) 12 बजकर 40 मिनट तक।
एकादशी व्रत पारण तिथि- 12 नवंबर 2020, बृहस्पतिवार, प्रातः 06 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक।
द्वादशी तिथि समाप्त- 12 नवंबर 2020, गुरुवार रात 09 बजकर 30 मिनट तक।
पूजा विधि-
इस दिन व्रती को ब्रह् मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
इसके बाद विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना करने के बाद, भगवान विष्णु जी के समक्ष धूप-दीप जलाकर उन्हें फल, फूल और मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए।
रमा एकादशी के साथ-साथ अन्य एकादशी तिथियों पर भी भगवान विष्णु पर तुलसी दल को अर्पित करना चाहिए। मगर ध्यान रहें इस दौरान तुलसी के पत्तों को तोड़े नहीं, बल्कि एक दिन पहले ही इन्हें तोड़कर रख लें।