Putrada Ekadashi Vrat Katha: पुत्रदा एकादशी व्रत कथा, जानें पारण समय

punjabkesari.in Sunday, Aug 27, 2023 - 07:23 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Putrada Ekadashi Vrat Katha: प्राचीन काल में भद्रावती नगरी में सुकेतुमान नाम का राजा अपनी रानी शैव्या के साथ राज्य करता था। वह बड़ा धर्मात्मा राजा था और अपना अधिक समय जप, तप और धर्माचरण में व्यतीत करता था। राजा के द्वारा किया गया तर्पण पितर, देवता और ऋषि इसलिए नहीं लेते थे क्योंकि वह उन्हें ऊष्ण जान पड़ता था। इस सबका कारण राजा के पुत्र का न होना था। राजा हर समय इस बात से चिंतित रहता था कि पुत्र के बिना वह देव ऋण, पितृ ऋण और मनुष्य ऋण से मुक्ति कैसे प्राप्त कर सकता है ?

PunjabKesari Putrada Ekadashi Vrat Katha
इसी चिंता से एक दिन राजा बड़ा उदास एवं निराश होकर घोड़े पर बैठकर अकेले ही जंगल में निकल गया। वहां भी पशु-पक्षियों की आवाजों और शोर के कारण राजा के अशांत मन को शान्ति नहीं मिली। अंत में राजा ने कमल पुष्पों से भरे एक सरोवर को देखा, वहां ऋषि-मुनि वेद मंत्रो का उच्चारण कर रहे थे। राजा ने सभी को प्रणाम किया तो विश्वदेव ऋषियों ने राजा की इच्छा पूछी। राजा ने उनसे पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद मांगा। ऋषियों ने राजा को पुत्रदा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। 

PunjabKesari Putrada Ekadashi Vrat Katha
राजा वापिस राज्य में आया और उसने रानी के साथ पुत्रदा एकादशी का व्रत बड़े भाव से किया। व्रत के प्रभाव से राजा को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिससे सभी प्रसन्न हुए और स्वर्ग के पितर भी संतुष्ट हो गए। शास्त्रों के अनुसार पुत्र प्राप्ति की कामना से व्रत करने वाले को पुत्र की प्राप्ति अवश्य होती है। 

PunjabKesari Putrada Ekadashi Vrat Katha 
विशेष- एकादशी व्रत में सत्संग एवं रात्रि संकीर्तन करने का अत्यधिक महत्व है। प्रत्येक आत्मा का पुत्र विवेक है तथा श्री रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी भी कहते हैं-

बिनु सत्संग विवेक न होई।

PunjabKesari Putrada Ekadashi Vrat Katha
विवेक रूपी पुत्र की प्राप्ति के लिए सभी को पुत्रदा एकादशी का व्रत बड़े विधि-विधान के अनुसार करना चाहिए।

PunjabKesari Putrada Ekadashi Vrat Katha
पारण समय 28 अगस्त 2023 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक।

PunjabKesari Putrada Ekadashi Vrat Katha


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News