भारत के लिए 2018 होगा चुनौतीपूर्ण, पड़ोसी देश कर सकते हैं विश्वासघात

punjabkesari.in Saturday, Dec 30, 2017 - 10:00 AM (IST)

ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ किया था तथा नव सम्वत् का प्रारंभ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। जलवायु और सौर प्रभावों का एक महत्वपूर्ण संगम इस समय के दौरान होता है। संवत् 2075 का राजा का पद सूर्य तथा मंत्री का पद शनि के पास तथा समय का निवास वैश्य के घर होने के कारण विश्व में अनावृष्टि कहीं कम कहीं अधिक, अकाल और राजाओं का परस्पर युद्ध होने के संकेत मिलते हैं। मुस्लिम देशों की कुंडली में काल सर्प दोष होने के कारण मुस्लिम देशों के लिए नव सम्वत् अधिक पीड़ादायक सिद्ध होगा। 


ज्योतिष विश्लेषण के अनुसार अगस्त 2018-19 में चीन एवं पाकिस्तान से भारत को संकटों व चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आक्रमण का भय रहेगा। नव वर्ष की प्रवेश कुंडली तथा चौथे भाव में शनि मंगल की युति व सप्तम भाव में चतुर ग्रह योग बन रहा है, जो लगन को पूर्ण रूप से प्रभावित कर रहे हैं। जिस कारण भारत को पाकिस्तान व मुस्लिम देशों की चुनौती मिलेगी। तुला राशि में बृहस्पति का गोचर होने के कारण राम मंदिर का निर्माण होगा। नव सम्वत् 2075 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। विपक्षी दलों में एकता का भाव देखने को मिलेगा। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार व ओडिशा की प्रजा में असंतोष बढ़ेगा। हरियाणा की राजनीति में घमासान होगा। 


भारत की कुंडली में तीसरे घर में सूर्य-बुध-शुक्र-शनि व चंद्रमा पांच ग्रहों की युति तथा कालसर्प दोष होने के कारण भारत को पड़ोसी देशों से विश्वासघात का सामना करना पड़ेगा। भारत को पड़ोसी देशों से समस्याएं आती रहेंगी। भारत की कुंडली में केतु सप्तम भाव में होने के कारण अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद को जन्म देता है। पाकिस्तान को लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि युद्ध की पहल उसकी तरफ से हो सकती है। पाकिस्तान पर वर्तमान वर्ष 2018-19 में मार्केश की महादशा चंद्र राहु का ग्रहण होने के कारण उसे सर्वाधिक नुक्सान होगा। 

 


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