परमहंस रामचंद की अंतिम अभिलाषाएं: राम, कृष्ण व काशी विश्वनाथ मंदिर का हो निर्माण

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 10:20 AM (IST)

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अयोध्या (अभिषेक):  ‘मेरे जीवन की 3 ही अन्तिम अभिलाषाएं हैं। पहली- राम मन्दिर, कृष्ण मन्दिर, काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण। दूसरी- इस देश में आमूल-चूल गोहत्या बन्द हो। तीसरी- भारत मां को अखण्ड भारत के रूप में देखना। इसके लिए मैं जीवन भर संघर्ष करता रहा हूं और आगे जीवित रहा तो भी संघर्ष करता रहूंगा। मरने पर मैं मोक्ष नहीं चाहूंगा। मेरी अब एक ही कामना है जो मैं कह चुका हूं।’ ये शब्द अयोध्या राम मन्दिर निर्माण के पुरोधा रहे परमहंस रामचंद्र दास के हैं।  
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परमहंस रामचंद्र के 3 संकल्पों में एक संकल्प आगामी 5 अगस्त को चरितार्थ होना है। 5 अगस्त की सुबह राममय नगरी के लिए शुभ घड़ी का दिन है। वर्षों के संघर्ष के बाद विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट के 9 नवम्बर 2019 ऐतिहासिक फैसले पर सर्वसम्मति से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ। पी.एम. मोदी के नेतृत्व में महंत नृत्य गोपाल दास  अध्यक्ष व सदस्य चुने गए। 

बीते वर्षों की घटनाओं का परिणाम यह रहा कि हिन्दुओं की आस्था पर लगे प्रश्नचिन्ह को विराम लगा और मंदिर निर्माण की तिथि घोषित हुई। 1949 में बाबरी मस्जिद में मूर्ति प्रकट होने के बाद एक संत सामने आया, जिसे हम परमहंस रामचंद्र दास के नाम से जानते हैं। 
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मंदिर आन्दोलन के पथ प्रदर्शक बने परमहंस 
देश की आजादी को महज साल गुजरे हुआ होगा कि देश में आस्था का अंकुर फूटने लगा। अंकुर फूटने की वजह भी रही कि अंग्रेजों के समय से राम मंदिर के लिए कई आन्दोलन हुए लेकिन वह असफल होकर रह गए। 22 दिसम्बर 1949 की रात विवादित ढांचे के नीचे एक शोर ने जन्म लिया, जिसकी गूंज देश ही नहीं विदेशों में भी तेजी से सुनाई देनी लगी। मंदिर आन्दोलन को हवा देने से लेकर, अध्यक्ष पद को संभालना, नेतृत्व और अमलीजामा पहनाना यह एक ही शख्स की कवायद रही। 
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परमहंस के शिलादान को भूमि निर्माण में रखना होगी श्रद्धांजलि 
मंदिर के पुरोधा परमहंस के उत्तराधिकारी व महंत दिगम्बर अखाड़ा, सुरेश दास ने प्रशासन व तीर्थ ट्रस्ट से मांग की है कि परमहंस द्वारा दी गई शिलादान को कोषागार से मंगवाया जाए। उनका कहना है कि शिलादान की सही जगह कोषागार नहीं बल्कि मंदिर निर्माण में लगना श्रद्धांजलि है। महंत सुरेश दास ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत व अयोध्यावासियों की मंशा है कि भूमि पूजन शिलान्यास के बाद देश में हिन्दू राष्ट्र की भी घोषणा हो। अन्य देशों में 50 फीसदी से अधिक संख्या में यदि इस्लाम, ईसाई निवास करते हैं तो वह देश इस्लाम देश व ईसाई देश के रूप में जानते हैं। ऐसे में जब 90 फीसदी हिन्दू भारत देश के निवासी हैं तो भारत देश को भी हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए। वहीं महंत ने कहा कि परमहंस दास के समाधि स्थल पर भी तीर्थ ट्रस्ट को ध्यान देना चाहिए, जिससे कि राम मंदिर पुरोधा को श्रद्धांजलि मिले। 
 


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Jyoti

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