Thursday को इस माला से करें विशेष प्रयोग, धनु व मीन राशि वाले रखें ध्यान

punjabkesari.in Wednesday, May 03, 2017 - 08:17 AM (IST)

बृहस्पति देव देवताओं के गुरु हैं, इन्हें ज्ञान का देवता भी कहा जाता है। श्री बृहस्पति देव जी का पूजन बृहस्पति वार को किया जाता है। बृहस्पति जी पुत्र, धन, बुद्धि और शिक्षा के दाता हैं। हल्दी की माला से बृहस्पति वार को जाप करने का और उसे धारण करने का बहुत महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मतानुसार माला प्रभु की प्राप्ति का उत्तम रास्ता है। 108 दानों की माला पूजा के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ होती है। जप से पूर्व माला की वन्दना करें साधना या विशेष देवता के लिए अलग-अलग माला-वन्दना होती है। मान्यता है कि हल्दी की माला भगवान श्री गणेश, देवी बगलामुखी की साधना व भगवान बृहस्पति की पूजा आराधना के लिए बहुत उत्तम है। यह माला धनु व मीन राशि के जातकों के लिए बहुत प्रभावशाली है।


आपके घर में धन आता तो है परन्तु कब आता है और कहां चला जाता है इसका पता ही नहीं चलता तो इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए गुरुवार के दिन बृहस्पति देव को पीले पुष्पों का अर्पण करके पीले चावल, पीला चंदन, पीली मिठाई, गुड़, मक्के का आटा, चना दाल आदि का भोग लगाएं। माथे पर हल्दी का तिलक लगाने के पश्चात हल्दी गांठ की माला से इस मंत्र के जाप करना शुभ होता है।
 
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः। 


हल्दी की माला बृहस्पति वार को धारण करने से विद्यार्थीयों का मन पढ़ाई में रमने लगता है, गुरु ग्रह संबंधित समस्त दोषों का निवारण होता है और मानसिक शांति मिलती है।

 

कर्ज से परेशान हो तो गणेश जी की प्रतिमा को हल्दी की माला पहनाएं।

 

मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप हल्दी की माला पर करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

पीलिए के रोगी हल्दी की माला धारण करें तो जल्दी ही रोग मुक्त हो जाते हैं।

 

बृहस्पति वार को “ॐ ब्रम्ह बृहस्पताये नम:” का जाप हल्दी की माला पर करने से जीवन के समस्त संघर्षों से मुक्ति मिलती है। प्रातःकाल जप के समय माला नाभी के समीप होनी चाहिए, दोपहर में हृदय और शाम को मस्तक के सामने।


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