Muni Shri Tarun Sagar: दूसरों के कंधों पर चढ़कर श्मशान से आगे जा ही नहीं सकते
punjabkesari.in Thursday, Jun 23, 2022 - 10:59 AM (IST)
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आंगन की दीवारें
हर रोज कम से कम 10 हजार कदम पैदल जरूर चलिए क्योंकि तीर्थों की यात्रा तो दूसरों के कंधों पर सवार होकर की जा सकती है लेकिन जीवन की ऊंचाइयां तो अपने ही कदमों से तय करनी होती हैं। दूसरों के कंधों पर चढ़कर श्मशान से आगे जा ही नहीं सकते।
घर में ऐसा पेड़ जरूर लगाओ जिसकी छाया और खुशबू पड़ोसी के घर जाती हो तथा अपने घर के आंगन की दीवारें इतनी ऊंची मत उठाओ कि बाहर से गुजरता हुआ तुम्हारा अपना ही भाई दिखाई न दे।
संघर्ष करिए
सीखने की ललक है तो कोई चींटी से भी सीख सकता है। प्रयत्न और पुरुषार्थ सीखना है तो चींटी से सीखो। चींटी अपने से 5 गुणा वजन लेकर 10 बार दीवार पर चढ़ती है, गिरती है। चढ़ती है, फिर गिरती है मगर हिम्मत नहीं हारती। ग्यारहवीं बार फिर कोशिश करती है और सफल हो जाती है।
संघर्ष करिए, कोशिश करिए, सफलता अवश्य मिलेगी। सब संघर्ष करके ही मंजिल तक पहुंचे हैं।
कुछ भी असंभव नहीं
दुनिया में असंभव जैसा कार्य कुछ भी नहीं है, अगर आपने उसे पाने का दृढ़ निश्चय कर लिया है। क्योंकि कहा है कि घुटने के बल चलते-चलते पांव पर खड़े हो जाते हैं और छोटे-छोटे नियम एक दिन बहुत बड़े हो जाते हैं। पर याद रखना कि कार्य जितना बड़ा होगा श्रम, सब्र और समय भी उतना ही अधिक मांगेगा। हम अपने मिशन में केवल इस कारण सफल नहीं हो पाते हैं कि हमारे सपने तो बड़े-बड़े होते हैं परंतु उन सपनों को साकार करने के लिए हम न तो कठोर श्रम करते हैं, न समय देते हैं और न ही हम में सब्र होता है।