Muni Shri Tarun Sagar: अपनी मेहनत की कमाई धर्म पत्नी के हाथों सौंप देना क्योंकि

punjabkesari.in Tuesday, Apr 05, 2022 - 12:14 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

चार तरह के पुत्र
पुत्र चार तरह के होते हैं। एक लेनदार पुत्र जो पिछले जन्म का लेनदार पुत्र होकर आ गया। अब उसे पढ़ाओ-लिखाओ, विवाह करो, उसका लेन-देन पूरा होगा और वह चल बसेगा। 

दो, शत्रु पुत्र। पिछले जन्म का शत्रु भी पुत्र होकर आ जाता है। ऐसा पुत्र कदम-कदम पर दुख देता है।
 
तीन ,उदासीन पुत्र। ऐसा पुत्र मां-बाप को न सुख देता है, न दुख। बस कहने को पुत्र होता है। 

चार, सेवक पुत्र। पिछले जन्म में तुमने किसी की सेवा की, वही तुम्हारा पुत्र बनकर आ गया। ऐसा पुत्र मां-बाप को बड़ा सुख देता है।

PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar

दुख में सुख खोजना
पैर से लाचार एक भिखारी सदा प्रसन्न और खुश रहता था। किसी ने पूछा, ‘‘अरे भाई! तुम भिखारी हो, अपंग भी हो, तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है। फिर भी तुम इतने खुश रहते हो। क्या बात है?’’

वह बोला, ‘‘बाबू जी ! भगवान का शुक्र है कि मैं अंधा नहीं हूं। भले ही मैं चल नहीं सकता, पर देख तो सकता हूं। मुझे जो नहीं मिला, मैं उसके लिए प्रभु से कभी कोई शिकायत नहीं करता बल्कि जो मिला है उसके लिए धन्यवाद जरूर देता हूं। यही है दुख में सुख खोजने की कला।’’

PunjabKesari Muni Shri Tarun Sagar

घर की लक्ष्मी
अपनी मेहनत और गाढ़े पसीने की कमाई को अपनी धर्म पत्नी के हाथों में सौंप देना क्योंकि घर की असली लक्ष्मी तो वही है। जो लक्ष्मी तिजोरी में बैठी है, वह तो हमेशा खड़ी है। घर की लक्ष्मी जीवन भर साथ देने वाली है। 

जो व्यक्ति बाजार की लक्ष्मी (धन लक्ष्मी) से शराब पीता है, घर आकर गृह लक्ष्मी का अपमान करता है,उसके साथ गाली-गलौच, मारपीट करता है तो वह जिंदगी में दोनों लक्ष्मी से वंचित हो जाता है। 

उसकी तिजोरी की लक्ष्मी तो सामने के दरवाजे से निकल जाती है और घर की लक्ष्मी पीछे के दरवाजे से चली जाती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News