Muni Shri Tarun Sagar: कड़वे प्रवचन...लेकिन सच्चे बोल
punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 02:38 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
देश में गरीबी नहीं, गैर बराबरी है
जो गरीबों, अशिक्षितों और शोषितों को अपना मित्र बनाता है वही संत होता है क्योंकि वह ईश्वर के सबसे निकट होता है। देश में गरीबी नहीं, गैर बराबरी है। 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश में 2-3 सौ घराने में संपदा सिमट जाए तो गरीबी तो बढ़ेगी ही। यह देश सोने की चिडिय़ा है। फिर गरीब कैसे हो सकता है।
हिंसा कभी धर्म नहीं हो सकती
अहिंसा धर्म का प्रथम द्वार है और सौहार्द का महोत्सव है। हिंसा कभी धर्म नहीं हो सकती फिर भले ही वह किसी देवी-देवता के नाम से क्यों न की गई हो। अहिंसा और सत्य भारत के सर्वोच्च सिद्धांत रहे हैं। देश की मोहर में भी ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। मेरा मानना है कि जब तक किसी मनुष्य या जानवर की आंख में आंसू रहेंगे तब तक हमारा अहिंसा और सत्य का सिद्धांत अधूरा है। हमें इस सिद्धांत को आगे ले जाना है।
सुधार की प्रक्रिया ऊपर से नीचे होनी चाहिए
सुधार की प्रक्रिया ऊपर से नीचे की ओर होनी चाहिए इसलिए जब हम भगवान बाहुबली के मस्तिष्क का अभिषेक करते हैं तो वह जल ऊपर से नीचे की तरफ आता है। मानों वह कह रहा हो सुधार की प्रक्रिया शीर्षस्थ पदों पर बैठे लोगों से होनी चाहिए।
देश में परिवर्तन लाने के लिए केवल आचरण ही नहीं बल्कि सत्ता की भी जरूरत है जिनके पास ताकत है उनमें त्याग भी होना चाहिए।