अहंकार को परे रखकर निभाएं रिश्ते, खुशहाल होगा जीवन

punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2022 - 03:42 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
परिवार में एक की सफलता सबकी सफलता होती है। अगर हम बहस करके एक-दूसरे को नीचा दिखाएं तो पूरे परिवार के लिए दुखदायी होगा इसीलिए परिवार को तोड़ना नहीं जोड़ना सीखें। ऐसा करने से आप एक खुशहाल और शांतिपूर्ण परिवार का हिस्सा बन जाएंगे। दो परिवार एक-दूसरे के पड़ोस में ही रहते थे। एक हर वक्त परस्पर लड़ता ही रहता था, जबकि दूसरा परिवार सभी के साथ शांति और मैत्रीपूर्ण तरीके से रहता था। एक दिन, झगड़ालू परिवार की पत्नी ने शांत पड़ोसी परिवार से ईर्ष्या महसूस करते हुए अपने पति से कहा, ‘‘अपने पड़ोसी के वहां जाओ और देखो कि इतने अच्छे तरीके से रहने के लिए वे क्या करते हैं।’’

पति गया और चुपचाप उन्हें देखने लगा।

उसने देखा कि घर की मालकिन फर्श पर पोंछा लगा रही है। अचानक रसोई से कुछ आवाज आई और वह रसोई में चली गई। तभी उसका पति एक कमरे की तरफ भागा। उसका ध्यान नहीं रहने के कारण फर्श पर रखी बाल्टी से ठोकर लगने से बाल्टी का सारा पानी फर्श पर फैल गया।

उसकी पत्नी रसोई से वापस आई और अपने पति से बोली, ‘‘माफ करना जी, यह मेरी गलती थी कि मैंने रास्ते से बाल्टी को नहीं हटाया।’’

पति ने जवाब दिया, ‘‘नहीं भाग्यवान मेरी गलती है, क्योंकि मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया।’’

झगड़ालू परिवार का पति घर लौट आया तो उसकी पत्नी ने पड़ोसी की खुशहाली का राज पूछा।

पति ने जवाब दिया, ‘‘उनमें और हम में बस यही अंतर है कि हम हमेशा खुद को सही ठहराने की कोशिश करते हैं। एक-दूसरे को गलती के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं जबकि वे हर गलती के लिए खुद जिम्मेदार बनते हैं और अपनी गलती मानने के लिए तैयार रहते हैं।’’

इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि एक खुशहाल और शांतिपूर्ण रिश्ते के लिए जरूरी है कि हम अपने अहंकार को एक तरफ रखें और अपने स्वयं के हिस्से के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी का ध्यान रखें। एक-दूसरे को दोषी ठहराने से दोनों का नुक्सान होता है और अपने रिश्ते भी खराब हो जाते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News