Inspirational story: आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे न पूरी पावे
punjabkesari.in Wednesday, Mar 16, 2022 - 02:56 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक व्यक्ति अपने खेत में काम कर रहा था। वह काम करते-करते थक गया तो सुस्ताने के लिए एक पेड़ की छाया में लेट गया। वह नींद से उठा तो देखा कि पास ही एक बांबी थी। उसके बाहर एक काले नाग ने कुंडली मार कर अपना फन फैला रखा था। व्यक्ति ने सोचा कि यह इस खेत का देवता है। मैंने इसकी कभी आवभगत नहीं की। इसी कारण मेरे खेत में फसल बहुत कम होती है।
वह कहीं से एक प्याला दूध लाया और नाग के सामने रख दिया। नाग दूध पीकर बांबी में चला गया। दूसरे दिन भी व्यक्ति उसके लिए दूध लेकर आया तो देखा कि वहां एक सोने का सिक्का रखा हुआ है। अब तो वह नित्य उसे दूध पिलाता, बदले में नाग उसे एक सोने का सिक्का देता था। व्यक्ति की निर्धनता दूर हो गई।
एक दिन व्यक्ति को किसी कार्यवश बाहर जाना था। नाग को दूध पिलाने की जिम्मेदारी वह अपने बेटे को दे गया। बेटा दूध पिलाने गया। बदले में सोने का सिक्का देखकर उसने सोचा कि सांप के पास बहुत सारे सिक्के होंगे, क्यों न इसे मार कर सारे सिक्के एक ही बार में ले लिए जाएं। दूसरे दिन वह दूध लेकर आया तो नाग के बाहर आते ही उसने सांप पर लकड़ी से वार कर दिया। वह मार सांप के लगी तो सही परंतु वह मरा नहीं बच गया। उसने पलट कर व्यक्ति के बेटे को डस लिया। विष के प्रभाव से तुरंत उसकी मौत हो गई।
व्यक्ति के वापस आने पर उसे सारी घटना का पता लगा। उसने बेटे का दाह संस्कार किया और सांप के लिए दूध लेकर गया। सांप आया और बोला कि तुम्हारे बेटे को मैंने नहीं उसके लोभ ने डसा है। तुम आज भी सोने के सिक्के के कारण आए हो। तुम अपने पुत्र की मौत को कभी नहीं भुला पाओगे, बस अब आज के बाद तुम कभी मेरे पास नहीं आना।
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