Motivational Concept: सरदार वल्लभभाई पटेल की विन्रमता

punjabkesari.in Sunday, Oct 17, 2021 - 12:18 PM (IST)

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सरदार पटेल सादगी एवं नम्रता की प्रतिमूर्ति थे। एक बार की बात है जब सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय लैजिस्लेटिव असैंबली के अध्यक्ष थे, तो असैंबली के कार्यों को करने के बाद घर के लिए निकल रहे थे कि एक अंग्रेज दंपति जो विलायत से भारत भ्रमण के लिए आया था, वहां आ पहुंचा।

उस दंपति ने पटेल जी की सादी वेशभूषा और बढ़ी हुई दाढ़ी देखकर उन्हें वहां का चपरासी समझ लिया और उनसे असैंबली में घुमाने के लिए कहा। विनम्रता से उनका आग्रह स्वीकार करते हुए पटेल जी ने उन्हें पूरी असैंबली का भ्रमण करवाया। 

उनसे खुश होकर लौटते वक्त अंग्रेज दंपति ने एक रुपए बख्शीश में देना चाहा, लेकिन सरदार पटेल जी ने विनम्रतापूर्वक बख्शीश लेने से मना कर दिया। अंग्रेज दंपति वहां से चली गई।

दूसरे दिन अंग्रेज दंपति असैंबली में आए हुए थे। सभापति की कुर्सी पर बढ़ी हुई दाढ़ी तथा सादे वस्त्रों वाले व्यक्ति को देखकर वे हैरान रह गए और मन ही मन उन्होंने अपनी भूल का पश्चाताप किया।


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Content Writer

Jyoti

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