Motivational Concept: 'अमृत' के समान है मनुष्य की मधुर वाणी

punjabkesari.in Sunday, May 08, 2022 - 12:50 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

गुरु सुबुद्ध का शिष्य था अबुद्ध। बहुत दिनों से उसकी इच्छा थी कि वह अमृत की खोज करे। अपने गुरु से उसने अनेक बार इसकी चर्चा की, लेकिन उन्होंने कुछ खास नहीं बताया। एक दिन अबुद्ध अमृत की खोज में अपने गुरु को अकेला छोड़कर चुपचाप चला गया। वह पूरी दुनिया में बहुत भटका, लेकिन उसे कहीं भी अमृत नहीं मिला।

PunjabKesari, Motivational Concept, Inspirational Theme

निराश होकर वह अपने गुरु सुबुद्ध के पास आ गया और बोला-‘‘गुरुजी, आप तो कहते थे कि इस दुनिया में अमृत है लेकिन लाख खोजने के बाद भी, अमर होने के लिए मुझे कहीं भी अमृत नहीं मिला।’’ सुबुद्ध मुस्कुराए और बोले, ‘‘शिष्य! दुनिया में अमृत है और वह है तुम्हारे मुख में, तुम्हारी वाणी में।

PunjabKesari, Motivational Concept, Inspirational Theme

मीठी वाणी को ही अमृत कहते हैं। कड़वी वाणी को विष कहते हैं। जिसकी वाणी मीठी होगी वह पूजनीय और अमर हो जाएगा और जिसकी वाणी कड़वी होगी, वह तिरस्कृत होकर विस्मृत हो जाएगा।’’ अबुद्ध  बोला, ‘‘हे गुरुवर मुझे अमृत मिल गया। अब मैं इसकी लालसा में कहीं और नहीं भटकूंगा।’’

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News