Mokshada Ekadashi: व्रत रखने वाले जानें शास्त्रों में बताई गई ये जरुरी बातें

punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 07:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

सनातन संस्कृति में एकादशी व्रत का अपना अलग ही महत्व है। आमतौर पर महीने में दो बार एकादशी आती है लेकिन कुछ एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। 8 दिसंबर, 2019 को मोक्षदा एकादशी है। ये पितरों के लिए मोक्ष के द्वार खोलती है और उन्हें स्वर्ग का अधिकारी बनाती है। इस शुभ दिन पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान दिया था। ऐसा भी कहा जा सकता है की इस दिन गीता का जन्म हुआ था। तभी तो इस दिन को गीता जयंती कहा जाता है।

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कब मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी?
कहा जाता है की चंद्र मार्गशीर्ष के महीने में शुक्ल पक्ष के 11वें दिन मोक्षदा एकादशी मनाए जाने का विधान है। अंग्रेजी महीने में मोक्षदा एकादशी नवंबर या दिसंबर में मनाई जाती है। 

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ये है शुभ मुहूर्त 
मोक्षदा एकादशी का प्रारंभ 7 दिसंबर को सुबह 6:34 से होगा। 8 दिसंबर की सुबह 8:29 पर मोक्षदा एकादशी समाप्त हो जाएगी।

पारण समय
9 दिसंबर की सुबह 7:06 से 9:09 तक

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मोक्षदा एकादशी व्रत विधि
मोक्षदा एकादशी का व्रत दशमी से शुरू होता है, इस दिन एक समय सात्विक भोजन करें (सात्विक भोजन का मतलब है बिना लहसुन और प्याज का भोज्य पदार्थ) एकादशी पर वैसे तो निर्जल निराहार व्रत का विधान है, संभव न हो तो फलाहार और दूध व दूध से बने पदार्थ लिए जा सकते हैं। द्वादशी के दिन भी एक समय सात्विक भोजन किए जाने का विधान है। 

अपना अधिक से अधिक समय हरि नाम, भजन और कीर्तन में लगाएं।

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व्रत के दौरान रखें ध्यान 
भोजन केवल सूर्योदय से लेकर सूर्य अस्त से पहले तक किया जा सकता है। 

श्रीराधाकृष्ण के मंदिर जरुर जाएं।

सुबह और शाम घर के मंदिर में दीपदान करें। 

सूर्यास्त के बाद तुलसी पर दीपक लगाएं।


 


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Niyati Bhandari

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