‘उमंगोट’ है देश की सबसे स्वच्छ नदी, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 17, 2021 - 04:09 PM (IST)

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हमारे देश में नदियों की हालत बहुत अच्छी नहीं है। अधिकतर नदियां बेहद गंदी नजर आती हैं। यूं तो सरकार नदियों की साफ-सफाई के लिए अक्सर कोई न कोई प्रोजैक्ट शुरू करती रही है लेकिन इन सबके बावजूद नदियों की सफाई का काम आज तक पूरा नहीं हो सका है। हजारों करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी गंगा सहित हमारी अधिकतर नदियों की हालत जस की तस है। हालांकि, इसकी जि मेदार केवल सरकार ही नहीं बल्कि लोग भी हैं। अगर हम लोग नदियों में कचरा फैंकना बंद कर दें तो ये नदियां हमेशा साफ रहेंगी।

नदियों को साफ कैसे रखना है यह हमें मेघालय के लोगों से सीखना चाहिए। मेघालय की उमंगोट नदी को देश की सबसे साफ नदी कहा जाता है। इस नदी का पानी इतना साफ है कि उसमें कांच की तरह आर-पार दिखता है। पानी के नीचे का एक-एक पत्थर क्रिस्टल की तरह साफ नजर आता है। इसमें कचरा तो दूर की बात है धूल का एक कण भी दिखाई नहीं देता। इसमें चलने वाली नाव को देख कर तो ऐसा लगता है मानो वह किसी कांच के ऊपर या हवा में तैर रही हो।  

यह खूबसूरत नदी मेघालय की राजधानी शिलांग से 95 किलोमीटर दूर भारत-बंगलादेश सीमा के पास स्थित पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के दावकी कस्बे से बहती है। इस इलाके में रहने वाले खासी आदिवासी समुदाय के लोग इस नदी की हर दिन सफाई करते हैं। दरअसल, यह पर परा सदियों से चली आ रही है। इनका मानना है कि सफाई उनके संस्कारों में है। उमंगोट नदी 3 गांवों दावकी, दारंग और शेंनान्गडेंग से होकर बहती है। इन 3 गांवों में करीब 300 घर हैं और सभी मिलकर इस नदी की सफाई करते हैं। गंदगी फैलाने पर 5000 रुपए तक जुर्माना वसूला जाता है। महीने में 3 से 4 दिन ‘क युनिटी डे’ के होते हैं। इसी दिन गांव के हर घर से कम से कम एक व्यक्ति नदी की सफाई के लिए आता है।

उमंगोट नदी साफ ही नहीं है, बल्कि उसके आस-पास का नजारा भी बेहद खूबसूरत है। हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित इस नदी की तुलाना लोग स्वर्ग में बहने वाली नदी से भी करते हैं। नवंबर से अप्रैल तक यहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। इस दौरान पर्यटक यहां बोटिंग का लुत्फ उठाते नजर आ जाते हैं जबकि मानसून के सीजन में बोटिंग बंद रहती है। इस नदी से कुछ ही दूरी पर स्थित मावलिननॉन्ग गांव को भी एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा हासिल है। अंग्रेजों ने इस नदी पर एक ब्रिज भी बनवाया है। इस नदी में बड़ी सं या में मछलियां भी मिलती हैं। इस बेहद साफ नदी जैसा अद्भुत नजारा देश की किसी भी अन्य नदी में देखने को नहीं मिलता है। गंगा और यमुना नदी की हालत तो सभी ने देखी ही होगी और कई लोगों का कहना है कि नदियां कभी साफ नहीं हो सकतीं लेकिन मेघालय के लोगों इसे गलत साबित कर दिखाया है। 


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Content Writer

Jyoti

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