अगर अपने जीवन और व्यापार में तरक्की चाहिए तो अंकशास्त्री के मार्गदर्शन से बनाए योजनाएं

punjabkesari.in Sunday, Jun 05, 2022 - 12:03 AM (IST)

अंकशास्त्र भी ज्योतिष शास्त्र का ही महत्वपूर्ण अंग है। जिस तरह से ज्योतिष में कुंडली के आधार पर गणना होती है, उसी तरह अंकशास्त्र में अंकों के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन, स्वभाव और उसके भविष्य की गणना की जाती है। अंकशास्त्र में डिवाइन साइंस यानी दिव्य विज्ञान की मदद से  इंसान जीवन के किसी भी पहलू को लेकर योजनाएं बना सकता है. यह योजनाए बनाने में, जीवन सफल बनाने में मददगार है, और यह एक साइंटिफिक टूल भी है।

एस्ट्रो न्यूमरोलॉजी के जाने-माने अंकशास्त्री और बड़े ज्ञानी सिद्धार्थ एस. कुमार कहते हैं, अंकशास्त्र इंसानों के साथ ही व्यवसायों के मार्गदर्शन और तरक्की में भी बहुत मददगार होता है। हर व्यवसाय को अपने निर्धारित समय में सफलता पाने की उम्मीद होती है। लोग अपने व्यापार में तरक्की के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं। अपना समय पैसा सब कुछ दाव पर लगा देते है। आज के आधुनिक युग में डेटाबेस स्ट्रेटर्जी के माध्यम से निर्णय लेते है।

हालाँकि, कडे प्रयासों  के बाद भी, कई कंपनियां अपनी योजना के अनुसार सफलता हासिल नहीं कर पाती. पर कुछ कंपनियां तेजी से सफलता हासिल करती है. आज हर ब्रांड चाहता है कि वह लोगों में अपना आकर्षण पैदा करे। अंकशास्त्री यह मानते है कि बिजनेस कोई भी हो उसमें कुछ बातों  पर गौर करना जरूरी होता है। जैसे की- ब्रांड नेम, प्रोडक्ट नेम, लोगो डिजाईन, लोगो कलर , प्रोडक्ट लांच डेट।

 
अंकशास्त्र एक ऐसा शक्तिशाली विज्ञान है, जो 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से  ही मानव जाति के लिए आशीर्वाद रहा  है, जो व्यापार और मनुष्यों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण  है। सिद्धार्थ कहते हैं,  मेरी संस्था न्यूमेरोवानी  में, मैंने ब्रांड के नामों के लिए एक एनपीएस स्कोर का इस्तेमाल किया, उन्हें अंकशास्त्र के अनुसार सलाह दी,  और हमने पाया कि वह ब्रांड 24 महीनों में 10 एनपीएस के लिए सक्षम बनें. और यह हमारे रियल केस स्टडी है. 

ब्रांड का नाम- 
विलियम शेक्सपियर ने अपने प्रसिद्ध क्लासिक नाटक रोमियो एंड जूलियट में कहा है,  "नाम में क्या रखा है? उनका मानना है कि नाम बिल्कुल भी मायने नहीं रखता है। अंकशास्त्र के दिव्य विज्ञान द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक अक्षर और नाम में जीवन सफल बनाने में मदद करने की क्षमता है। प्रत्येक अक्षर के लिए एक संख्या होती है, और पूरा नाम एक नाम नहीं होता - बल्कि यह संख्याओं का एक संग्रह है, ऊर्जा का एक शक्तिशाली स्रोत है, जिसमें इतिहास लिखने की क्षमता है। आज कई उद्योगपति और कलाकारों ने अपना या फिर अपनी कंपनियों का नाम बदलकर सफलता हासिल की है।

 नाम में बदलाव से सफल हुए व्यवसाय- 
आज के बड़े और प्रसिद्ध टेक या बिजनेस टाइटन्स ने भी अपने कॉर्पोरेशन्स -बिजनेस के नामों को मॉडिफाई किया है। जैसे की, इंस्टाग्राम, दुनिया के सबसे बडे सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म में से एक है, जिसे कभी बर्बन के नाम से जाना जाता था। इसी तरह, रिलायंस मनी लिमिटेड नाम की कंपनी पहले रिलायंस मनी एल.टी.डी (Reliance Money Ltd) थी. इसके बाद  नाम के अंतिम शब्द का विस्तार किया गया और  वह बनी रिलायंस मनी लिमिटेड (Reliance Money Limited)।

एक अन्य उदाहरण -सलमान खान द्वारा लॉन्च किए गए ब्रांड  फ्रश 'Frsh' का है- यहां नाम की स्पेलिंग को बदला गया। ताकी वह सलमान खान के नंबर वाइब्रेशन से मेल खाए. नाम की स्पेलिंग को इस लिए बदला गया कि इसकी संख्या कंपन सलमान खान के नंबर कंपन से मेल खाएं। आज देखा जाने वाला एक और बड़ा उदाहरण  है फिल्मों के नाम, उनकी रिलीज़ की तारीख और समय-इनमें से हर चिज को अंक ज्योतिष के अनुसार सावधानीपूर्वक और स्ट्रैटर्जीक रूप से चुना जाता है।

लोगो डिजाइन और कलर- 
क्रोमोथेरेपी, हमारे मूड , हमारी सोच और नजरिए में सूक्ष्म परिवर्तन का कारण बनती है. जिसे कलर थेरेपी भी कहा जाता है,  हर लोगो  रंगों से बना होता है, और ये रंग ब्रांड, नाम और कंपनी के साथ तालमेल वाले होने चाहिए. रंग भी किसी व्यवसाय में तरक्की में मददगार बन सकता है। उदाहरण के लिए, फेसबुक के लोगो में नीला और सफेद रंग  है; नीला संचार- संवाद का रंग है, विशेष रूप से टेक्नोलॉजी  की मदद से किया जाने वाला कम्युनिकेशन। आज, जैसा कि हम देख सकते हैं, फेसबुक  अपने व्यापार क्षेत्र में सबसे अधिक एक्टिव यूजर्स से जुडा है। और इस दौड़ में  फेसबुक ने अपने प्रतिस्पर्धियों जैसे ऑर्कुट और माई स्पेस को काफी पीछे छोड़ दिया है।

लॉन्चिंग डेट -
हम मनुष्य अपने चारों ओर संख्याओं के जालों से घिरे हुए हैं। हमारी जन्मतिथि से लेकर हम जहां भी जाते हैं, हम संख्याओं से घिरे होते हैं। हर संख्या केवल संख्या नहीं होती वह  संख्या होने के साथ-साथ ऊर्जा का एक स्रोत भी है। हमारे सामने सबसे आम उदाहरण फिल्मों की रिलीज की तारीख है। उन्हें सावधानीपूर्वक चुना जाता है कि ताकि वह उनके व्यवसाय के लिए अच्छी हो।


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Content Writer

Deepender Thakur

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