महाशिवरात्रि: राशि अनुसार करें रुद्राभिषेक, ग्रहों से जुड़ी हर समस्या का होगा सर्वनाश

punjabkesari.in Monday, Feb 12, 2018 - 09:42 AM (IST)

शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी, इसीलिए इस दिन किया गया शिव पूजन, व्रत और उपवास अनंत फलदायी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रद्धालु भक्त अपनी राशि के अनुसार भी भगवान शिव की आराधना और पूजन कर मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। इस रुद्राभिषेक से ग्रहों से जुड़ी हर समस्या का सर्वनाश होगा।


मेष : गुड़ और गुलाब के जल से अभिषेक करें। मीठी रोटी का भोग चढ़ाएं, लाल चंदन व कनेर के फूल से पूजा करें।


वृष : दही और केवड़ा से अभिषेक करें। शक्कर, चावल, सफेद चंदन, सफेद फूल से पूजा करें।


मिथुन : गन्ने के रस से भगवान का अभिषेक करें। मूंग, दूब और कुश से पूजा करें।


कर्क : घी से अभिषेक कर चावल, कच्चा दूध, सफेद आक व शंखपुष्पी से शिवलिंग की पूजा करें।


सिंह : गुड़ के जल से अभिषेक कर, गुड़ व चावल से बनी खीर का भोग लगाकर गेहूं के चूरे और मदार के फूल से पूजा करें।


कन्या : गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। भगवान शंकर को भांग, दूब व पान अर्पित करें।


तुला : सुगंधित तेल या इत्र से भगवान का अभिषेक कर दही, मधुरस व श्रीखंड का भोग लगाएं। सफेद फूल से भगवान की पूजा करें।


वृश्चिक : पंचामृत से अभिषेक करें। लाल पुष्प से भगवान की पूजा करें।


धनु : हल्दी युक्त दूध से अभिषेक कर मिश्री और बेसन से बनी मिठाई से भगवान का भोग लगाएं। गेंदे के फूल से उनकी पूजा करें।


मकर : नारियल पानी से अभिषेक कर उड़द से बनी मिठाई का भगवान को भोग लगाएं। नीलकमल के फूल से उनकी पूजा करें।


कुंभ : तिल के तेल से अभिषेक कर उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं। शमी के फूल से भगवान की पूजा करें।


मीन : केसरयुक्त दूध से भगवान का अभिषेक कर दही-भात का भोग लगाएं। पीली सरसों और नागकेसर से भगवान की पूजा करें।


अभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय का जप करते रहें।


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