शिव से जूड़े ये राज नहीं जानते होंगे आप

punjabkesari.in Monday, Jan 04, 2021 - 11:30 AM (IST)

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भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि नामों से जाना जाता है। जैसा कि सब जानते ही हैं कि ब्रह्मा जी इस सृष्टि के रचनाकार हैं, और विष्णु जी पालनहार हैं, ठीक इसी क्रम में भगवान शिव सृष्टि के संहारक हैं। उनका रहस-सहन, वेश-भूषा विचित्र है, तो वहीं कैलाश पर्वत में रहने वाले देवों के देव महादेव से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें शायद बहुत कम लोग जानते होंगे। चलिए आगे जानते हैं इनसे जुड़े कुछ खास राज़।

आदिनाथ शिव
सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया। इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।
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शिव के अस्त्र-शस्त्र
शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। और इन सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।

शिव के पुत्र
शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। बता दें कि सभी के जन्म की कथा रोचक है।

शिव के शिष्य
शिव के 7 शिष्य हैं, जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया। जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज मुनि भी थे।
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शिव के गण
शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है।

शिव पार्षद
जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं। उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।

सभी धर्मों का केंद्र शिव
शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई। जो आगे चलकर शैव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में विभक्त हो गई।
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देवता और असुर प्रिय शिव
भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं। वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी। उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था। शिव, सभी आदिवासी, वनवासी जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं।

शिव की गुफा
शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई। और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। वह गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकूटा की पहाड़ियों पर है। दूसरी ओर भगवान शिव ने जहां पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था। वह गुफा 'अमरनाथ गुफा' के नाम से प्रसिद्ध है।


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