जन्माष्टमी 2021: श्री कृष्ण की पूजा में क्यों होता है खीरे का उपयोग?

punjabkesari.in Sunday, Aug 29, 2021 - 05:16 PM (IST)

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जन्माष्टमी का पर्व इस बार 30 अगस्त यानी सोमवार को पड़ रहा है। यह पर्व किसी बड़े त्योहार से कम नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, जिस के उपलक्ष में देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार बहुत बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बताया जा रहा है कि इस बार जन्माष्टमी पर 101 साल बाद महासंयोग एवं 27 साल बाद जयंती योग बन रहा है ऐसे में जन्माष्टमी का महत्व कहीं गुना बढ़ गया है।

मान्यता है कि ऐसे संयोग में भगवान कृष्ण की विधिवत रूप से पूजा विशेष प्रकार की कृपा दिलाती है तथा समस्त प्रकार की इच्छाएं पूर्ण करती हैं। यही कारण है कि लोग इस दिन विशेष प्रकार से इनकी पूजा अर्चना करते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा खीरे के बिना अधूरी मानी जाती है?

जी हां, माना जाता है कि खीरे अर्पित करने से भगवान श्री कृष्ण अधिक प्रसन्न होते हैं। तथा इससे प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी प्रकार के कष्ट को दूर कर देते हैं। माना जाता है कि जन्माष्टमी की पूजा में उसके का प्रयोग किया जाता है जिसमें डंठलऔर हल्की सी पत्तियां लगी हो।

इससे जुड़ी एक मान्यता यह है कि जब शिशु पैदा होता है तब उसको मां से अलग करने के लिए गर्भनाल को काटा जाता है। ठीक उसी प्रकार से खीरे को डंठल से काटकर अलग किया जाता है। यह भगवान श्री कृष्ण को महादेव की से अलग करने का प्रतीक माना जाता है। अंतः इसी कारण से भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा की जाती है जिसमें खीरे का उपयोग किया जाता है।

(नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।)
 


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Content Writer

Jyoti

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