जन्माष्टमी 2021: क्या है श्री कृष्ण की दिनचर्या, जानिए यहां

punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 01:16 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
पौराणिक ग्रंथों में किए गए उल्लेख के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में अपने मामा कंस के कारागार में हुआ था और मेरा तो वही उनका बचपन गोकुल और वृंदावन मैं माता यशोदा के पास भी था। धार्मिक कृतियों के अनुसार अपनी किशोरावस्था में भगवान श्री कृष्ण मथुरा में गए थे और और अपने मामा कंस का वध किया था। इसके बाद इन्होंने प्रभाष क्षेत्र में समुद्र के किनारे बसे उजाड़ नगरी कुछ स्थली पर द्वारिका नगर का निर्माण करवाया था और वहीं निवास करने लगे थे। कहा जाता है कि इसी क्षेत्र में ही भगवान श्री कृष्ण ने अपनी देह त्यागी थी। इस विशिष्ट स्थल व देहोत्सर्ग तीर्थ नगर के पूर्व में हिरण्या, सरस्वती तथा कपिला के संगम पर बताया जाता है। जिसे प्राची त्रिवेणी व भालका तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।

आज हम आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर बताने जा रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण अपनी दिनचर्या में क्या कार्य करते हैं-

कहा जाता है कि प्रभु श्री कृष्ण प्रतिदिन उत्तराखंड के चमोली में स्थित बद्रीनाथ धाम के सरोवर में स्नान करते हैं।

स्नान करने के उपरांत श्री कृष्ण भगवान गुजरात के समुद्र तट पर स्थित द्वारिका धाम में वस्त्र धारण करते हैं।

इसके उपरांत प्रभु उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ धाम में भोजन ग्रहण करते हैं।

भोजन करने के बाद श्री कृष्ण भगवान तमिलनाडु के रामेश्वर धाम में विश्राम करते हैं तथा विश्राम के बाद भगवान पूरी में निवास करते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान श्री कृष्ण अपने भक्तों की सेवा करते हैं, जो इन्हें पुकारता है उसकी मनोकामना पूरी करते हैं।

फिर प्रभु अपने सभी प्रमुख धाम की आरती को ग्रहण करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वृंदावन के निधिवन और गोपियों संग रास करते हैं तथा वहां के मंदिरों में भ्रमण करते हैं।

(नोट- पंजाब केसरी ऐसे किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है यह तमाम जानकारी केवल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।)

 
 


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Content Writer

Jyoti

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