ब्रज के इन स्थलों पर धूम धाम से मनाई जाती हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 25, 2021 - 06:49 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत़्येक वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी अर्थात श्री कृष्ण भगवान का जन्म उत्सव देशभर के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने घरों में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को पालने में डालकर झूला झुलाते हैं, विधि विधान से इनकी पूजा करते हैं तथा अन्य कई प्रकार के कार्य करते हैं। परंतु बात की जाए ब्रजमंडल की तो प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर यहां के 5 खास मंदिरों में इस उत्सव की धूम अलग ही दिखाई देती है।

चलिए जानते हैं कौन से वो मंदिर व कहां है-
कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश का भूभाग श्री कृष्ण के जन्म और उनकी विभिन्न लीलाओं से संबंधित है जिस कारण उसे ब्रिज कहा जाता है। बताया जाता है इसमें 12 वन और कई उपवन शामिल हैं। मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, महावन, बलदेव, नंदगांव, बरसाना डीग और काम्यवान आदि भगवान श्री कृष्ण के सभी लीला स्थल सम्मिलित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रज की सीमा को चौरासी कोस माना गया है।

सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के मथुरा में राजा कंस के कारागार में श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था जिस कारण स्थान को श्री कृष्ण जन्म भूमि के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि जन्मभूमि आधे स्थल पर मंदिर आधे स्थान पर मस्जिद बनी हुई हैं। प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव यहां लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।

कथाओं के अनुसार मथुरा के कारागार में जन्म लेने के बाद श्री कृष्ण भगवान गोकुल क्षेत्र में पहुंचे जहां उनका पूरा बचपन बीता। गोकुल में उन्होंने कई असुरों का वध कर उनका उद्धार किया। बता दे मथुरा में यमुना के पार गोकुल ग्राम है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दुनिया के सबसे नटखट बालक के कहलाने वाले भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल ग्राम में 11 साल 1 महीना और 22 दिन गुजारे थे वर्तमान समय में यहां 84 खंभों का मंदिर नंदेश्वर महादेव मंदिर मथुरा नाथ और द्वारिका नाथ आदि मंदिर मौजूद है। परंतु श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अधिकतर भीड़ नंद भवन में देखने को मिलती है।

शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण भगवान जब अपने बाल्यकाल से निकले तो उन्होंने वृंदावन में अधिक लीलाएं की। यहां उन्होंने गोपियों के संग रास रचाया और दुनिया को प्रेम का पाठ सिखाया। वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर में इस उत्सव की अधिकतम देखने को मिलती है। इसके अलावा यहां पर इस्कॉन मंदिर स्थापित है जहां पर भव्य रुप से यह त्यौहार मनाया जाता है।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव बरसाना में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कथाओं के अनुसार यहां श्री राधारानी रहती थी और यही उनका जन्म हुआ था जिस कारण स्थल को अधिक महत्व प्राप्त है। यहां राजा रानी का भव्य मंदिर है जहां पर धूमधाम से यह उत्सव मनाया जाता है।

वृंदावन के समीप की गोवर्धन नामक एक गांव में गोवर्धन पर्वत स्थापित है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा अंगुली से इस पर्वत को उठा कर अपने गांव वालों की रक्षा की थी। बताया जाता है कि गोवर्धन पर्वत के तीन मुख्य स्थान है गोवर्धन दानघाटी, जतीपुरा और मानसी गंगा। इस गांव में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
 


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Content Writer

Jyoti

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