महालक्ष्मी हैं खजाना लुटाने को तैयार, जानें कब है अक्षय तृतीया 28-29 अप्रैल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 25, 2017 - 01:18 PM (IST)

भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार अक्षय तृतीया परम पुण्यमयी तिथि है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है। वैसे तो अक्षय तृतीया स्वयं में महा महूर्त है परंतु इस पर भी वर्ष 2017 में अति शुभ दो ज्योतिष योगों का मिलन हो रहा है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व मध्यान व्यापीनी तृतीया तिथि और रोहिणी नक्षत्र के मेल से देखा जाता है इसी के अनुसार अक्षय तृतीया शुक्रवार दिनांक 28.04.17 को मनाई जाएगी। इस दिन दोपहर 01:40 से अगले दिन सुबह तक यह योग बन रहा है। इस वर्ष 500 सालों बाद सौभाग्य व छत्र योग का संयोग बन रहा है। 


अत: यह योग विशेष कार्यों के लिए शुभ है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन तीन ग्रह अपनी उच्च राशि में रहेंगे शुक्र मीन में, सूर्य मेष में व चंद्र वृष में होंगे तथा बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय प्रदान करेगा। अतः यह तिथि अत्यंत शुभदायी है।


इस दिन लक्ष्मीनारायण को नैवेद्य में जौ, सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पित की जाती है तत्पश्चात ब्राह्मणों को बर्तन व वस्त्र आदि दान कर दक्षिणा दी जाती है। इस दिन ब्राह्मणों को जल से भरे घड़े, पंखे, खड़ाऊं, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककडी, चीनी, साग, इमली, सत्तू आदि का दान किया जाता है तथा गरीबों के शरबत, ठंडा दूध, चप्पल और छाते का दान करना श्रेष्ठ रहता है। 


देवी लक्ष्मी पर 16 मुखी आटे से बना दीपक जलाएं। फिर रोटी और दही का भोग लगाकर सफेद रंग की गाय को खिला दें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


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