सभी तरफ से हताश और निराश लोग आते हैं यहां, देवी बनाती हैं मालामाल

punjabkesari.in Tuesday, May 26, 2020 - 10:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kaudia Devi Temple: सनातन धर्म के पुराणों एवं ग्रंथों में महालक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है। धन पाने के चाहवान उन्हें प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। देवी लक्ष्मी  काशी के खोजवा मोहल्ले में कौड़िया देवी के रूप में विराजित हैं और भक्तों को मालामाल बनाती हैं। यह मंदिर लगभग 13 हजार वर्ष पुराना है। यहां आने वाले भक्त मां को प्रसाद के रूप में अर्पित करते हैं पांच कौड़िया। चार कौड़िया मां को भेंट कर पांचवीं कौड़ी ले जाकर अपने खजाने में रख लेते हैं जिससे जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती। सभी तरफ से हताश और निराश लोग यहां आते हैं और धनवान बनने का आशीर्वाद लेकर जाते हैं। रोडपति भी यहां से करोड़पति बन कर जाता है। 

PunjabKesari Kaudia Devi Temple

 
शिव पुराण और काशी खंड में भी कौड़िया देवी का वर्णन मिलता है। माना जाता है कि दक्षिण भारत में निवास करने वाली कौड़िया देवी बाबा विश्वनाथ के दर्शनों की अभिलाषा लेकर काशी आई। जब वो घूमने की इच्छा से छुदरों की बस्ती में गई तो वहां जाकर उनके साथ बहुत आपत्तिजनक व्यवहार हुआ। उन्होंने अन्न-जल का त्याग कर दिया। तब मां अन्नपूर्णा साक्षात उनके पास आई और उन्हें कौड़ी देवी के रूप में विराजित कर दिया साथ ही आशीर्वाद भी दिया की कौड़ी जिसका कोई मोल नहीं होता तुम्हें उसी रूप में पूजा जाएगा और प्रत्येक युग में पूजने वाला भक्त कभी गरीब नहीं होगा।  
 
PunjabKesari Kaudia Devi Temple 
 
ग्रंथों में लिखी कथा और स्थानीय लोगों का कहना है मां कौड़िया देवी काशी विश्वनाथ की मानस बहन मानी जाती हैं। जब भगवान राम को शबरी ने भावविभोर होकर जूठे बेर खिलाए तो भगवान ने बहुत प्रसन्न होकर उनके हाथों से बेर खाए लेकिन जब शबरी को अपनी भूल का एहसास हुआ तो उसने भगवान राम से क्षमा मांगी। भगवान ने उसे माफ किया साथ ही आशीष दिया कि कलयुग में तुम्हारा पूजन होगा और प्रसाद रूप में कौड़ियां चढ़ाई जाएंगी।   
PunjabKesari Kaudia Devi Temple

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News