करवा चौथ: बहू देती है सास को बायना व दान करती है सुहाग का सामान

punjabkesari.in Thursday, Oct 17, 2019 - 09:51 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज देश भर में करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का ये व्रत अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन चौथ माता से अपने पति की लंबी उम्र मांगती हुई पूरा दिन अन्न जल का त्याग करती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन से कई मान्यताएं जुड़ी हुई है जैसे सरगी खाना, 16 श्रृंगार करना, शाम को कथा सुनना, रात में चंद्रमा की पूजा आदि करना। मगर आपको बता दें इन सबके अलावा एक ऐसी रस्म होती जिसे निभाना बहुत ज़रूरी है। बल्कि कहा जाता है करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं अगर ये रीति-रिवाज़ नहीं निभाती तो उनका व्रत पूरा नहीं माना जाता।

इतना तो सभी जानते हैं कि करवा चौथ की पूजा में सुहाग की निशानियों का भी खास महत्व है। सुहागिनें मंगलसूत्र, सिंदूर समेत 16 श्रृंगार की निशानियों की पूजा करती हैं। सुहाग का सामान दान भी किया जाता है। इसके अलावा उत्तरी भारत में महिलाएं कपड़े और सुहाग का सामान अपनी सांस, या जेठानी को देती हैं। इसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। इसमें मीठे करवे, पकवान कपड़े और सुहाग का सामान शामिल हैं। इसे बायना कहा जाता है।

करवाचौथ में पति की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली को महिलाएं व्रत रखती हैं। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक सोने, चांदी, मिट्टी के करवा और गड़ुआ का पात्र के करवा पूजे जाते हैं। मंगलसूत्र, सिंदूर, चूड़ी, आलता, बिंदी, वस्त्र, बिंदिया, बिछिया समेत शृंगार की सामग्री का भी पूजन होता है।

करवा चौथ में सुहागिन स्त्रियों को अपनी राशि के अनुसार कपड़े पहनने चाहिए। इससे उनके वैवाहिक जीवन में सुख, शांति, प्यार में बढ़ोतरी होगी।


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Jyoti

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