Karnataka: मदरसे में घुसकर भीड़ ने जबरन की दशहरा पूजा

punjabkesari.in Saturday, Oct 08, 2022 - 10:30 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

बीदर (कर्नाटक) (एजैंसी): कर्नाटक के बीदर में लोगों का एक समूह 15वीं सदी के एक विरासत स्थल परिसर में जबरन घुस गया और दशहरे के दौरान वहां पूजा की। पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिनमें से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह घटना गुरुवार तड़के हुई है। कर्नाटक के गृहमंत्री अरगा जनानेंद्र ने हालांकि कहा कि कानून-व्यवस्था संबंधी कोई समस्या पैदा नहीं हुई क्योंकि श्रद्धालु परिसर के अंदर घुसे और वहां पूजा की, जहां कभी ‘शमी’ का पेड़ हुआ करता था। वे इस परंपरा का वर्षों से पालन कर रहे हैं। ‘शमी’  के पेड़ को पवित्र माना जाता है और दशहरे के दौरान उसकी पूजा की जाती है। 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

मस्जिद समिति के सदस्य एवं शिकायतकर्ता मोहम्मद शफीउद्दीन के अनुसार, यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार को तड़के दुर्गा की प्रतिमा के विजर्सन के लिए पास से एक शोभा यात्रा निकल रही थी। आरोप लगाया गया है कि करीब 60 लोग पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्मारक में ताला तोड़कर घुस आए।

इस तथा-कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ देर तक शहर के इस हिस्से में तनाव का माहौल रहा और मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों ने प्रदर्शन कर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।
 
गौरतलब है कि मदरसा-ए-महमूद गवां (महमूद गवां का मदरसा) बीदर में पुरानी इस्लामिक संस्था है। इस विरासत स्थल परिसर में एक मस्जिद भी है जिसका निर्माण 1472 में ख्वाजा मोहम्मद जिलानी (महमूद गावां) ने करवाया था। अधिकारी ने कहा, बताया जा रहा है कि ‘भवानी देवी’  की शोभायात्रा के दौरान लोगों के एक समूह ने कथित रूप से सुरक्षाकर्मी को धमकी देकर परिसर में प्रवेश किया और वहां पूजा की।

उन्होंने बताया, घटना के बाद मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि लोगों का समूह जबरन विरासत स्थल परिसर में प्रवेश कर गया और ‘साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने’ के लक्ष्य से वहां पूजा किया।

बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री जनानेंद्र ने कहा कि ‘शमी’ की पूजा पहले से होती आ रही है। पहले पेड़ की पूजा करने वालों की संख्या कम थी, लेकिन इस साल बढ़ गई। पहले पांच-छह लोग पूजा किया करते थे, लेकिन इस बार 25-30 लोग चले गए। उन्होंने कहा कि परिसर के भीतर पूजा करने गए लोगों ने खुद वीडियो बनाया और उसे रिलीज किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, ‘भवानी मंदिर  के श्रद्धालु गवां मदरसा के पास एक चबूतरे पर हर साल सांकेतिक पूजा करते हैं, जहां कभी ‘शमी’ का पेड़ लगा हुआ था। लेकिन, बाद में पेड़ कट जाने के बावजूद शोभा यात्रा से पहले वहां नारियल फोड़ने की परंपरा जारी रही।

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News