कामिका एकादशी- इस व्रत को करने से बड़े से बड़ा पापी हो जाता है पाप मुक्त
punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 10:08 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कामिका एकादशी एक ऐसा उपवास है, जिसको रखने मात्र से मनचाहा फल प्राप्त होता है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर तरह के पाप से मुक्ति मिलती है। बता दें इस बार कामिका एकादशी 24 जुलाई दिन रविवार को पड़ रही है। जिसके उपलक्ष्य में श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधान होता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सावन माह में शिव जी के साथ-साथ श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है उसके सभी बिगड़े काम संवर जाते हैं। तो वहीं कामिका एकादशी की बात करें तो धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस एकादशी का व्रत रखने और पूजन करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ व्यक्ति को अपने पितरों से आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो इसी खास अवसर पर जानते हैं कामिका एकादशी से जुड़ी पौराणिक कथा-
आइए आपको उससे जुड़ी कथा सुनाते हैं-
किसी गांव में एक ठाकुर रहता था। एक दिन ठाकुर का एक ब्राह्मण के साथ झगड़ा हो गया। क्रोध में आकर उससे ब्राह्मण की हत्या हो गई। लेकिन जब उसे पछतावा हुआ तब उसने ब्राह्मण की क्रिया करने का बनाया लेकिन ब्राह्मण के परिवार वालो नें उसे मना कर दिया और उस पर ब्राह्मण हत्या का आरोप लगा दिया।
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अपनी गलती का पश्चाताप करने के लिए ठाकुर एक विद्वान पंडित के पास गया और निवेदन करते हुए कहा 'हे मुनिवर मुझे इस पाप से मुक्ति पाने का कोई उपाय बताईए। तब मुनि ने ठाकुर को कामिका एकादशी का व्रत करने को कहा और बताया कि इस एकादशी के व्रत को करने से तुम्हारे सभी पाप धुल जाएंगे। मुनि की आज्ञा अनुसार ठाकुर ने पूरे विधि-विधान से एकादशी का व्रत व भगवान विष्णु की साधना की।
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार उसी रात ठाकुर भगवान विष्णु ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि मैनें तुम्हें तुम्हारे सभी पापों से मुक्त कर दिया है। इस तरह से कामिका एकादशी व्रत के प्रभाव से ठाकुर ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त हो गया। अतः इस कथा से ज्ञात होता है कि सच्चे भाव से अगर हम कोई भी व्रत, पूजा आदि करते हैं तो वह कभी विफल नहीं होता और भगवान अपनी कृपा अपने भक्तों पर सदैव बनाए रखते हैं।