कामदा एकादशी दिलाती है सफलताएं, 23 अप्रैल को शुभ योग में है व्रत

punjabkesari.in Thursday, Apr 22, 2021 - 06:05 PM (IST)

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हमारे शास्त्रों में एकादशी के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। हर महीने 2 बार एकादशी आती है । इस हिसाब से 1 साल में 24  एकादशियाँ होती हैं इनमें कामदा एकादशी को हमारे शास्त्रों में बहुत अहमियत दी गई है। ऐसी मान्यता भी है कि कामदा एकादशी सभी व्रतों में सबसे प्राचीन है और पदम पुराण में इस का उल्लेख है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त के सभी पाप मिट जाते हैं और पिशाच योनी से मुक्ति मिलती है। एकादशी का व्रत रखने से व्‍यक्ति को पूर्वजन्म और इस जन्‍म के सभी पापों से मुक्ति मिलती है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। अगर आपके काम पूरे नहीं होते, संघर्ष के बाद भी सफलता नहीं मिलती और बनते-बनते बात बिगड़ जाती है तो कामदा एकादशी का व्रत करना चाहिए। 

शुक्रवार 23 अप्रैल को पड़ने वाली कामदा एकादशी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं।  कामदा एकादशी वृद्धि व ध्रुव योग में मनाई जाएगी। वृद्धि योग 02 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग लग जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में ध्रुव व वृद्धि योग को बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्य किये जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार  22 अप्रैल की रात 11 बजकर 35 मिनट से एकादशी तिथि आरंभ होगी. कामदा एकादशी की तिथि का समापन 23 अप्रैल की रात 09 बजकर 47 मिनट पर होगा।

एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त: 
कामदा एकादशी व्रत का पारण द्वादशी की तिथि में किया जाएगा. एकादशी व्रत में पारण का विशेष महत्व होता है. व्रत का पारण विधि पूर्वक न किया जाए तो एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. कामदा एकादशी व्रत का पारण 24 अप्रैल को प्रात: 05 बजकर 47 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट पर किया जा सकता है.

कामदा एकादशी व्रत की पूजा विधि: 
23 अप्रैल को प्रात: काल उठकर स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें. जल, फल, पुष्प, मिष्ठान आदि चढ़ाएं. भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है. इसलिए पूजा में पीले पुष्पों का प्रयोग करें. भगवान विष्णु की आरती करें. व्रत के नियमों का पालन करें।

एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है।

एकादशी के दिन संभव हो तो गंगा स्नान या फिर किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए।

विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए।

एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होने की मान्यता है।

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के साथ ही खान-पान, व्यवहार और सात्विकता का पालन करना चाहिए।

मान्यता है कि एकादशी का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को इस दिन कठोर शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही लड़ाई-झगड़े से भी बचना चाहिए।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com


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Content Writer

Jyoti

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