झंडेवाला मंदिर में हरियाली तीज पर कार्यक्रम आयोजित
punjabkesari.in Wednesday, Aug 03, 2022 - 11:56 AM (IST)
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नई दिल्ली: झंडेवाली देवी मंदिर में हरियाली तीज के उपलक्ष्य में 2 अगस्त को मेहंदी लगाई गई व भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं के लिए झुला झूलने की व्यवस्था भी की गई थी। मंदिर प्रशासन ने बताया कि कुछ व्यवस्थाओं के कारण मंदिर में 31 जुलाई के बजाय 2 अगस्त को हरियाली तीज के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बृज रस अनुरागी पूर्णिमा दीदी(पूनम दीदी) ने अपनी मधुर वाणी से भजन गाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बता दें झंडेवाला देवी मंदिर दिल्ली के मध्य में स्थित है, जो काफी ऐतिहासिक माना जाता है। बताया जाता है जिस स्थान पर ये मंदिर स्थित है, वह अरावली पर्वत की श्रंखालाओं में से एक श्रंंखला मानी जाती है। इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक किंवदंति प्रचलित है जिसके अनुसार प्राचीन समय में इस स्थान पर एक कपड़े का व्यापारी रहता था, जो वैष्णी माता का अनन्य भक्त था। एक दिन जब बद्री दास मां भगवती की साधना में लीन थे तो उन्हें अनुभूति हुई कि यहां पर एक प्राचीन मंदिर है जो असल में जमीन में धंसा हुआ है। इस एहसास के बाद उन्होंने तुरंत उस जमीन को खरीदकर उसकी खुदाई करवानी शुरू कर दी।
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थोड़ी ही खुदाई के पश्चात सच में वहां से मंदिर के अवशेष मिले। इसके उपरांत खुदाई का कार्य तेज करवाया गया। ऐसा माना जाता है वहां पर एक झंडा मिला था जिससे इस स्थान का नाम झंडेवाला रखा गया था। जब और खुदाई की गई तो भूमि में दबी हुई मां की मूर्ति मिली। परंतु जमीन की खुदाई करते समय मां की जो मूर्ति वहां से प्राप्त हुई थी दुर्भाग्यपूर्ण मां की मूर्ति के हाथ खंडित हो गए।
हिन्दू शास्त्रों के ग्रंथों आदि में वर्णन किया गया है, खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए, ऐसा करना वर्जित होता है। अतः मां की मूर्ति में चांदी के हाथ बनवाकर लगवाए गए। बता दें वर्तमान समय में भी मां की यही मूर्ति मंदिर गुफा में सुरक्षित स्थापित है। प्रारंभ में यहां दोनों नवरात्रों में आस-पास के शहरों, गांवों और कस्बों से लोग आते थे। इस तरह यहां मेला शुरू हुआ, जो पूरे नवरात्र तक चलता था। धीरे-धीरे इस मंदिर की ख्याति देश में फैलने लगी और लोग दूर-दूर से यहां आने लगे।