जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर जानिए कौन थे भगवान श्रीकृष्ण के पहले गुरु?

punjabkesari.in Thursday, Aug 18, 2022 - 05:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हर किसी जीवन में गुरु का स्थान हमेशा सर्व श्रेष्ठ रहा है, बल्कि कहा जाता है कि मानव जीवन को सफल बनाने में गुरु का अनमोल योगदान होता है अर्थात गुरु बिना ज्ञान को पाना असंभव है। जन्माष्टमी के इस अवसर पर हम आपको भगवान श्रीकृष्ण के प्रथम गुरु के साथ-साथ उनके परम मित्र सुदामा से जुड़ी खास जानकारी देने जा रहे हैं। बात करें श्री कृष्ण प्रथम गुरु की वो थे सांदिपनि ऋषि। बताया जाता है ऋषि संदीपनी का आश्रम मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित था। श्रीकृष्ण के साथ ही उनके बड़े भाई बलराम और सुदामा ने भी ऋषि सांदीपनी के आश्रम में शिक्षा दीक्षा प्राप्त की थी। धार्मिक मत के अनुसार आश्रम में श्रीकृष्ण ने वेद और योग की शिक्षा के साथ -साथ 64 कलाओं की शिक्षा भी ली थी। तथा इसी आश्रम में भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती हुई थी। 
PunjabKesari Janmashtami 2022, Krishna Janmashtami, Krishna Janmashtami 2022, Krishna Janmashtami Date, Krishna Janmashtami Special, Krishna First Guru, Krishna Friend Sudama, Krishan Sudama, Dharmik Katha, Religious Katha, Dharm
भारतीय परंपरा में हमेशा से ही मित्रता का महत्व रहा है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में माता-पिता और गुरु के बाद मित्र को स्थान दिया गया है। लेकिन जब भी मित्रता की बात होती है तो लोग द्वापर युग वाली कृष्ण-सुदामा की मित्रता की मिसाल देना नहीं भूलते। तो आईए आपको भी आज हम भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की अनमोल और बहु मूल्य दोस्ती का छोटा सा वर्णन देते हैं-
 
जब कृष्ण बालपन में ऋषि सांदिपनि के यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तो उनकी मित्रता सुदामा से हुई थी। श्री कृष्ण एक राज परिवार से थे और सुदामा ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे। परंतु दोनों की मित्रता का गुणगान न केवल उस युग में बल्कि इस युग में पूरी दुनिया करती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार शिक्षा-दीक्षा समाप्त होने के बाद भगवान कृष्ण राजा बन गए वहीं दूसरी तरफ सुदामा के बुरे दौर की शुरुआत हो चुकी थी। बुरे दिन से परेशान होकर सुदामा की पत्नी ने उन्हें राजा कृष्ण से मिलने जाने के लिए कहा। पत्नी के बार-बार आग्रह व जिद्द करने पर सुदामा अपने बाल सखा कृष्ण से मिलने द्वारका गए। 
PunjabKesari Janmashtami 2022, Krishna Janmashtami, Krishna Janmashtami 2022, Krishna Janmashtami Date, Krishna Janmashtami Special, Krishna First Guru, Krishna Friend Sudama, Krishan Sudama, Dharmik Katha, Religious Katha, Dharm

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari
जब सुदामा उनके द्वार पहुंचे तो राजा कृष्ण अपने मित्र सुदामा के आने का संदेश पाकर नंगे पैर ही उन्हें लेने के लिए दौड़ पड़े। मित्र सुदामा की दयनीय हालत देखकर भगवान कृष्ण के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने मित्र सुदामा के पैर अपने आंसुओं से धुले थे। यह घटना भगवान कृष्ण का अपने मित्र सुदामा के प्रति अनंत प्रेम को दर्शाती है। दो मित्र सालों बाद एक राजा और गरीब ब्राह्मण के रूप में एक दूसरे को मिले लेकिन उनके दिल में एक दूसरे के लिए असीम स्नेह था। 

PunjabKesari Janmashtami 2022, Krishna Janmashtami, Krishna Janmashtami 2022, Krishna Janmashtami Date, Krishna Janmashtami Special, Krishna First Guru, Krishna Friend Sudama, Krishan Sudama, Dharmik Katha, Religious Katha, Dharm
उन्हें राज सिंहासन पर बिठाकर उनका सम्मान किया और पूछा मेरे लिए क्या भेंट लाए हो तो पहले सुदामा ने संकोच किया कि एक राजा को कुछ मुट्ठी चावल किस मुंह से दिए जाए। लेकिन कृष्ण के हठ करने पर उन्होंने चावल की पोटली कान्हा को पकड़ा दी। यशोदानंदन ने भी उन कच्चे चावलों को बड़े स्वाद के साथ खाया, जैसे उससे बेहतर कुछ हो ही न। अतः ऐसी थी कृष्ण और सुदामा की मित्रता। यही कारण है कि वर्तमान समय में भी सब उनकी दोस्ती की मिसाल देते हैं। उनके प्रेम के सामने आज के युवा की दोस्ती हमेशा फीकी और बेरंग मानी गई है। 

Acharya Pradiep Siingla
Astro-Numerologist & Vastu Consultant
pradiepsiingla@gmail.com


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News