Inspirational Story: Life में बनाए गए Rules देते हैं बड़े लाभ

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 09:40 AM (IST)

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Inspirational Context: साधु संतों का जब हम दर्शन करते हैं तो वे हमें कुछ व्रत-नियम लेने की प्रेरणा देते हैं। एक बार एक गांव में एक संत चतुर्मास के लिए आए। बहुत से लोग उनका व्याख्यान सुनने को पहुंचे। व्याख्यान बहुत रोचक और प्रभावशाली थे। महात्मा ने सबको कुछ नियम लेने को कहा। बहुत से भक्तों ने प्रतिदिन संत दर्शन का संकल्प लिया।
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एक सेठ पहली बार ही आया था। उसने कहा, ‘‘मैं संत दर्शन का नियम तो नहीं ले सकता, पर मेरे घर के पड़ोस में एक मजदूर रहता है उसके सिर के बाल उड़ गए हैं। मैं उसके सिर के दर्शन रोज करता हूं, उसका नियम ले सकता हूं।’’

संत ने कहा, ‘‘ठीक है उसका नियम ले लो। केवल एक ही शर्त है कि यह व्रत कभी खंडित नहीं होना चाहिए।’’ संत ने इस नियम की प्रतिज्ञा करा दी।

समय बीतने लगा। वह व्यक्ति प्रतिदिन प्रात: उठते ही मजदूर के घर की तरफ झांकता। उसका घर नीचे था। अत: उसका सिर दिखाई देता और उसकी प्रतिज्ञा पूरी हो जाती।

एक दिन मजदूर चार बजे ही गधों को लेकर मिट्टी लाने के लिए तीन-चार मील दूर खदान पर चला गया। वह गहरे गड्ढे में उतर कर मिट्टी खोदने लगा। देवयोग से मजदूर को मिट्टी खोदते हुए एक घड़़े की नोक दिखाई दी। उसने थोड़ा और खोदा तो उसको घड़े में सोने की अशर्फियां नजर आईं। उसने सोचा, ‘‘अब मेरी दरिद्रता धुल जाएगी।’’

उसी समय मजदूर का पड़ोसी अपने घर में उठा । उसने मजदूर के घर की ओर झांका पर मजदूर नजर नहीं आया। उसने कुम्हारिन से पूछा कि आज तुम्हारा पति कहां चला गया? उसने कहा कि वे तो आज खदान में मिट्टी लेने चले गए और दोपहर तक लौटेंगे।
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वह भक्त चक्कर में पड़ गया। उसकी बिस्तर से उठते ही चाय पीने की आदत थी। मजदूर की प्रतीक्षा करना बहुत कठिन था। वह घोड़ा लेकर मजदूर की खोज में निकला।

इधर भक्त का खदान के पास जाना हुआ और उधर मजदूर का घड़ा लेकर निकलना हुआ। भक्त ने उसका सिर देखकर कहा, ‘‘देख लिया। बस देख लिया।’’ मजदूर ने सोचा कि भक्त ने मेरा घड़ा देख लिया है। उसने कहा, ‘‘रुको, रुको। शोर क्यों करते हो। आधा मेरा और आधा तुम्हारा।’’

सेठ फौरन समझ गया कि बात कुछ और है। पास गया तो उसको मजदूर के पास घड़े में अशर्फियां नजर आईं। सेठ ने कहा, ‘‘ठीक है यह बात किसी को बताना नहीं। हम दोनों मालामाल हो जाएंगे।’’

दोनों घर पर आए और आपस में अशर्फियां बांट लीं। दूसरे दिन वह सेठ संत के पास गया और कहा मुझे प्रतिदिन संत दर्शन के नियम करा दें। संत के पूछने पर सेठ ने सारी घटना सुना दी। तात्पर्य है कि प्रतिदिन नियम लेने और उसका पालन करने से बहुत लाभ होता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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