इंदिरा एकादशी 2021: जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों से मिलती है मुक्ति

punjabkesari.in Friday, Oct 01, 2021 - 06:16 PM (IST)

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प्रत्येक वर्ष आश्विन मास में इंदिरा एकादशी का पर्व पड़ता है। बताया जाता है इंदिरा एकादशी श्राद्ध पक्ष के दौरान आता है, जिस कारण इसका महत्व अत्यंक माना जाता है। बता दें इस बार ये पर्व गांधी जयंती के दिन यानि 02 अक्टूूबर को पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र व पंचांग के अनुसार दशमी तिथि को सूर्यास्त के बाद भोजन पर प्रतिबंध लगाने के बाद इंदिरा एकादशी का पर्व आरंभ हो जाएगा। 

एकादशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 01, 2021 को 11:03 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 02, 2021 को 11:10 पी एम बजे
एकादशी व्रत का पारण- समय - 06:29 ए एम से 08:53 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 10:29 पी एम

आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी से जुड़ी खास बातें- 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलतीे है। बल्कि कहा जाता है पितरों का आत्माशांति के लिए ये एकादशी तिथि बहुत लाभकारी होती है। इस तिथि को लेकर मान्यता ये भी है कि जो पूर्वज जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के चलते यमलोक में दंड कर्मों का भोग रहे होते हैं, इस एकादशी का विधि पूर्वक व्रत करने से तथा उनके नाम पर दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, साथ ही साथ उन्हें स्वर्ग में स्थान मिलता है। 

ज्योतिष बताते हैं कि इस दिन विशेषरूप से शालिग्राम की पूजा करनी चाहिए, ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए तथा पितरों का तर्पण करना चाहिए, इन कार्यों को करने से व्यक्ति को अपने समस्त प्रकार के संकटों से राहत मिलती है। 

इसके अतिरिक्त इस एकादशी पर गाय, कौए, कुत्ते, चींटी, मछली को भी भोज्य करवाना चाहिए। इसके साथ ही साथ इस दिन पीपल देव के नीचे अन्न जल रखना भी शुभ माना जाता है।  

ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक जिस व्यक्ति के सिर पर किसी प्रकार का कोई कर्ज हो उसे इंदिरा एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए।  


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Content Writer

Jyoti

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