सौरमंडल की हानिकारक किरणों-शारीरिक कष्टों से छुटकारा दिलाता है ये पौधा

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2017 - 02:01 PM (IST)

तुलसी में विद्युत शक्ति अधिक होती है। इससे तुलसी के पौधे के चारों ओर की 200-200 मीटर तक की हवा स्वच्छ और शुद्ध रहती है। हमारी भारतीय संस्कृति में ग्रहण के समय खाद्य पदार्थों में तुलसी की पत्तियां रखने की परंपरा है। ऋषि जानते थे कि तुलसी में विद्युत शक्ति होने से वह ग्रहण के समय फैलने वाली सौरमंडल की विनाशकारी और हानिकारक किरणों का प्रभाव खाद्य पदार्थों पर नहीं होने देती। साथ ही तुलसी पत्ते कीटाणुनाशक भी होते हैं। तुलसी पत्र में पीलापन लिया हुआ हरे रंग का तेल होता है, जो उडऩशील होने से पत्तियों से बाहर निकल कर हवा में फैलता रहता है। यह तेल कांति, ओज-तेज से भर देता है। 


तुलसी का स्पर्श करने वाली हवा जहां भी जाती है वहां वह स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होती है। तुलसी पत्ते ‘ईथर’ नामक रसायन से युक्त होने से जीवाणुओं का नाश करते हैं और मच्छरों को भगाते हैं। तुलसी का पौधा उच्छवास में ओजोन गैस छोड़ता है जो विशेष स्फूर्तिप्रद है। आभामंडल नापने के यंत्र ‘यूनिवर्सल स्कैनर’ के माध्यम से एक व्यक्ति पर जब परीक्षण किया गया तो यह बात सामने आई कि तुलसी के पौधे की 1 बार परिक्रमा करने पर उसके आभामंडल के प्रभाव क्षेत्र में 3 मीटर की आश्चर्यकारक बढ़ौतरी हो गई। आभामंडल का दायरा जितना अधिक होगा व्यक्ति उतना ही अधिक कार्यक्षम, मानसिक रूप से क्षमतावान व स्वस्थ होगा।


लखनऊ के किंग जार्ज मैडीकल कालेज में ‘तुलसी’ पर अनुसंधान किया गया। उसके अनुसार पेप्टिक अल्सर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कोलाइटिस और दमे (अस्थमा) में तुलसी का उपयोग गुणकारी है। तुलसी में एंटीस्ट्रैस (तनाव रोधी) गुण है। प्रतिदिन तुलसी की चाय (दूध रहित) पीने या नियमित रूप से उसकी ताजी पत्तियां चबाकर खाने से रोज के मानसिक तनावों की तीव्रता कम हो जाती है।’’


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