आपके पास भी हैं ये 5 चीज़ें तो दुनिया के सबसे  Lucky इंसान हैं आप

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2020 - 03:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अगर आप हमारी वेबसाइट को डेली बेसिस पर पढ़ते होंगे तो अब तक आप चाणक्य से रूबरू हो ही चुके होंगे। वहीं आचार्य चाणक्य जिन्होंने अपने ज्ञान के दम पर चंद्रगुप्त को राजा बनाकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना करवाई। ग्रंथों में इनके बारे में जो वर्णन मिलता है उसमें इन्हें किसे एक चीज़ के ज्ञाता नहीं बताया गया बल्कि कहा जाता है इन्होंने हर तरह से मौर्य साम्राज्य को स्थापित करने के लिए अपना योगदान दिया। फिर चाहे एक दार्शनिक, दूरदर्शी, लेखक या प्रकांड विद्वान के रूप में हो।

जैसे कि हम आपको बताते रहते हैं कि इन्होंने अपने नीतिशास्त्र में हर तरह का ज्ञान बांटने की कोशिश की है, जिससे मानव जीवन को फायदा हो सके। तो हमेशा की तरह आज भी हम आपके लिए इनके द्वारा बताई गई कुठ ऐसी बातों से रूबरू करवाने जा रहे हैं जिसे आप जानकर हैरान हो जाएंगे। तो चलिए आपको अधिक इंतज़ार न करवाते हुए आपको बताते हैं कि चाणक्य के अनुसार दुनिया के बेशकीमती चीज़ कौन सी हैं।

चाणक्य नीति श्लोक
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा।
न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।
PunjabKesari, Chanakya niti, Chanakya Niti In Hindi, Chanakya Gyan, Chanakya Success Mantra In Hindi, चाणक्य नीति सूत्र, Acharya Chanakya, acharya chanakya in hindi, chanakya rajniti hindi, acharya chanakya thoughts
दुनिया में इससे बड़ा कुछ नहीं
इस दुनिया में भोजन और पानी के दान को महादान कहा जाता है। इसके अलावा दुनिया में इतना बेशकीमती कुछ नहीं है। इसलिए ऐसा कहा जाता है जो व्यक्ति भूखे-प्यासे व्यक्ति को भोजन और पानी पिलाता है उसे पुण्य आत्मा कहकर संबोधन किया जाता है।

एकादशी तिथि
चाणक्य के अनुसार हिंदू पंचांग की एकादशी तिथि सबसे पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दौरान पूजा-आराधना और उपवास रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

PunjabKesari, Sri vishnu, Sri hari vishnu , Lord vishnu, भगवान विष्णु, नारायण
सबसे ताकतवर मंत्र
गायत्री मंत्र से अधिक ताकतवार व प्रभावशाली कोई दूसरा मंत्र नहीं है। माता गायत्री को वेदमाता कहा जाता है। सभी चारो वेदों की उत्पत्ति गायत्री से हुई है। इनके जाप से बुद्धि आदि के साथ-साथ अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

मां से बड़ा कोई दूसरा नहीं
आचार्य चाणक्य कहते हैं इस धरती पर मां से बड़ा कुछ नहीं। न मां से बड़ा कोई देवता है, न कोई तीर्थ और न ही कोई गुरु है। इस संदर्भ में कहा भी जाता है कि जो व्यक्ति अपने माता-पिता की सेवा करता है उसे और किसी की भक्ति करने की कोई आवश्कता नहीं होती।
PunjabKesari, Maa, Mother, मां


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News