शरद पूर्णिमा: नहीं होना चाहते जल्द बूढ़े तो ज़रूर अपनाएं ये रामबाण उपाय

punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2019 - 12:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
क्या आप जल्द बूढ़े होने चाहते हैं? अब आप सोच रहे होंगे भला ये कैसा सवाल हुआ। क्योंकि दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे जल्दी बूढ़े होने का इंतज़ार होगा। बल्कि इसके विपरीत हर कोई ये चाहता है कि वो अपने जीवन में जल्दी बुढ़ापे की ओर न बढ़े। मगर अब इंसान के हाथ में तो है नहीं कि वो कितनी देर जिए, कब मरे, कब तक जवान रहे और कब बूढ़ा हो। ये तो सब प्रकृति के नियम हैं जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे हमारे शरीर बूढ़ा होने लगता है। मगर आपको बता दें एक ऐसा रामबाण उपाय है जिसे करने से पहले आप लंबे समय तक जवान रह सकते हैं। जी हां, आपको जानकर शायद यकीन न हो परंतु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय करने से आपका जल्द बूढ़े न होने का सपना साकार हो सकता है।
PunjabKesari, Sharad Purnima, Sharad Purnima 2019, चंद्रमा, शरद पूर्णिमा
तो चलिए देर न करते हुए जानते हैं इन चमत्कारी उपाय-
जैसे कि अपने आर्टिकल्स के द्वारा शरद पूर्णिमा की हिंदू धर्म में महत्वता के बारे में बता चुके हैं। पूजा-अनुष्ठान के लिए यह दिन सर्वश्रेष्ठ है। बता दें इससे जुड़ी मान्यताओं के मुताबिक इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत टपकता है, जो सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।

इस दिन लोग अपने घरों की छत में खीर बना कर रखते हैं। जिससे चांद की किरणें खीर पर पड़े और वह अमृतमयी हो जाए। माना जाता है कि इसको खाने से बड़ी-बड़ी बीमारियों से निजात मिल जाती है।
PunjabKesari, Sharad Purnima, Sharad Purnima 2019, चंद्रमा, शरद पूर्णिमा
पौराणिक कथाओं के अनुसार यही कारण था कि शरद पूर्णिमा की रात रावण विशेष साधना करता था। कहा जाता है रावण शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों को दर्पण की सहायता से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। जिससे उसकी नाभि में अमृत था। अपने इसी अमृत की वृद्धि के लिए प्रत्येक शरद पूर्णिमा की रात्रि को दर्पण लगाकर चंद्रमा की रोशनी को नाभि पर केंद्रित करता था। जिससे वह मरते दम तक युवा था। इन्हीं सब के चलते शरद पूर्णिमा की रात 10 से मध्यरात्रि 12 बजे के बीच कम वस्त्रों में घूमने वाले व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है।
PunjabKesari, शरद पूर्णिमा रावण, Ravana Connection with Sharad Purnimaइसके अलावा  शरद पूर्णिमा के दिन श्रीकृष्ण अपनी गोपियों के साथ रास लीला करते हैं। इसके साथ ह ये भी मान्यता प्रचलित है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात के समय भ्रमण पर निकलती हैं और देखती हैं कि कौन जग रहा है और कौन सो रहा है। जो लोग इस रात को जागकर पूजा-पाठ करते हैं वहां देवी लक्ष्मी निवास करती हैं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News