ग्रहों की चाल ने बदली ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीतिक पार्टी

punjabkesari.in Thursday, Mar 12, 2020 - 04:16 PM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का प्रभाव होता है। फिर चाहे वो कोई अभिनेता हो, कोई नेता या कोई अन्य कलाकर या कोई आम इंसान। इसके मुताबिक मनुष्य के साथ घटित होने वाली हर घटना ग्रहों के कारण ही होती है। यहां हम बात कर रहे हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया की। जिन्होंने 2001 में अपने पिता की मृत्यु के बाद कांग्रेस में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इस बीच वह कईं बार केंद्रीय मंत्री बने। 2018 में मध्यप्रदेश में विधान सभा तुनाव के बाद जब कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तभी से सिंधिया की नाराज़गी की खबरें उठना शुरू हो गई। हाल ही उन्होंने अतिथि शिक्षकों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर सरकार आपकी मांगे नहीं मानेंगी तो कमलनाथ सरकार के खिलाफ़ मैं भी आपके साथ सड़कों पर उतरूंगा। जिसके बाद कांग्रेस में तू तू मैं मैं की राजनीति शुरू हुई। और फिर सिंधिया ने कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस को छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। जिस कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया सुर्खियों में है। मगर क्या आप जानते हैं इनके द्वारा लिया गया ये बड़ा कदम इनके ग्रहों ने इनसे उठवाया है। जी हां, ज्योतिष के दृष्टि से देखें तो ज्योतिराजजदित्य सिंधिया द्ववारा भाजपा में शामिल होने का सबसे बड़ा कारण है उनके ग्रह। 
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अगर इनके इतिहास की बात करें तो 2002 में जब गुना सीट पर उपचुनाव हुए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद चुने गए। पहली जीत के बाद से 2019 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी चुनाव नहीं हारे। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में कभी उनके ही सहयोगी रहे कृष्ण पाल सिंह यादव ने उन्हें मात दे दी। सिंधिया राजघराने का प्रभुत्व आज भी प्रमुख राजनैतिक पार्टियों में मौजूद है। वहीं बात की जाए सिंधिया घराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया की तो वे भारतीय राजनीति में सक्रिय नेता हैं। हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। तो आइए जानते हैं ज्योतिषशास्त्र से क्या कहती है ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुंडली और कैसा रहेगा उनका राजनैतिक सफ़र- 

इंटरनेट से मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को मकर लग्न के मकर नवमांश में हुआ था। इनकी कुंडली की पड़ताल करने पर पता लगता है कि इनकी कुंडली के दशम भाव में मंगल तुला राशि में स्थित है। जिससे इसमें कुल दीपक का योग बनता है। तो वहीं कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में स्थित हैं, जो दशमस्थ मंगल के साथ मिलकर इनकी कुंडली में अमात्य योग बना रहा है। इनकी जन्मपत्रिका में शनि मंगल जहां शुभ संबंध बना रहे हैं, वहीं लग्न स्थान को देख भी रहे हैं। माना जा रहा है कि इनकी कुंडली में ग्रहों की इस स्थिति के चलचे जनता में इनको मान-सम्मान और लोकप्रियता प्राप्त हो सकती है।
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ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुंडली में कई राजयोग हैं। जिनमें इनकी कुंडली के 12वें भाव में सूर्य और बुध की युति है जो बुधादित्य योग तथा विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला राशि में शनि उच्च का होता है। जिसमें शनि की स्थिति के कारण नीच भंग राजयोग भी बन रहा है। नवमांश कुंडली में लग्न वर्गोत्तम है। इसके अलावा मेष राशि का मंगल रूचक योग बना रहा है एवं शनि शश योग का निर्माण कर रहा है।
 

ज्योतिषाचार्यों का कहना है फिलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुंडली में शनि की दशा में राहु और केतु की अंतर्दशा चल रही है। जो कि उनके परिवर्तन के योग बनाता है। शनि इनकी कुंडली में 10वें स्थान में गोचर कर रहे हैं, जो परिवर्तन करवात हैं। 
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ऐसा कहा जाता है कि शनि की दृष्टि 6वें स्थान पर होने से गुप्त शत्रुओं का भय बढ़ता है। माना जा रहा है सिधिंया को गुप्त शत्रु परेशानी डाल सकते हैं। इसके साथ ही हो सकता है आने वाला समय में पारिवारिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।


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Jyoti

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