Happy Independence Day 2021:  करोड़ों रुपए से भी कीमती था गांधी जी के लिए एक तांबे का सिक्का

punjabkesari.in Sunday, Aug 15, 2021 - 08:53 AM (IST)

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गांधी जी देश भर में भ्रमण कर चरखा संघ के लिए धन इकट्ठा कर रहे थे। अपने दौरे के दौरान वह उड़ीसा में किसी सभा को संबोधित करने पहुंचे। उनके भाषण के बाद एक बुजुर्ग महिला खड़ी हुई, उसके बाल सफेद हो चुके थे, कपड़े फटे हुए थे और वह कमर से झुक कर चल रही थी, किसी तरह वह भीड़ से होते हुए गांधी जी के पास पहुंची।

‘‘मुझे गांधी जी को देखना है’’

उसने आग्रह किया और उन तक पहुंच कर उनके पैर छुए। फिर उसने अपनी साड़ी के पल्लू में बंधा एक ताम्बे का सिक्का निकाला और गांधी जी के चरणों में रख दिया। गांधी जी ने सावधानी से सिक्का उठाया और अपने पास रख लिया। उस समय चरखा संघ का कोष जमनालाल बजाज संभाल रहे थे। उन्होंने गांधी जी से वह सिक्का मांगा लेकिन गांधी जी ने उसे देने से मना कर दिया।

‘‘मैं चरखा संघ के लिए हजारों रुपए के चैक संभालता हूं’’, जमनालाल जी ने हंसते हुए कहा ‘‘फिर भी आप मुझ पर इस सिक्के के लेकर यकीन नहीं कर रहे हैं।’’

‘‘यह ताम्बे का सिक्का उन हजारों से कहीं कीमती है।’’ गांधी जी बोले।

‘‘यदि किसी के पास लाखों हैं और वह हजार-दो हजार दे देता है तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन यह सिक्का शायद उस औरत की कुल जमा पूंजी थी। उसे अपना सर्वस्व धन दान दे दिया। कितनी उदारता दिखाई उसने, कितना बड़ा बलिदान दिया उसने इसलिए इस ताम्बे के सिक्के का मूल्य मेरे लिए एक करोड़ से भी अधिक है।’’


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Content Writer

Jyoti

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