Hanuman Jayanti 2021: इस स्थान पर पंचमुखी रूप में विराजमान हैं कपिश्रेष्ठ हनुमान

punjabkesari.in Sunday, Apr 25, 2021 - 05:34 PM (IST)

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प्रत्येक वर्ष हनुमान जयंती के दिन देशभर में स्थित हनुमान मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है। परंतु इस बार की बात करें पिछले ही वर्ष जैसे अभी भी देश पर कोरोना महामारी का प्रकोप छाया हुआ है। जिस कारण देश के बहुत से राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। तो वहीं इस दौरान कई प्राचीन मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं, ऐसे में हर कोई इसी असमंजस में है कि कैसे वह अपने इष्ट, अपने प्रभु को प्रसन्न करे, कैसे उनके दर्शन करे। तो आपको बता दें हम आपको बताने जा रहे हैं, हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जो तमिलनाडु में स्थित है। 27 अप्रैल यानि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाए जाने वाले हनुमान जंयती पर्व के दिन अगर आप किसी प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर जाने की सोच रहे हैं, मगर कोरोना के कारण नहीं जा पाएंगे तो आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से अपने इस इच्छा को पूरा कर सकते हैं। जी हां, हम आपको समय-समय पर विभिन्न हनुमान मंदिरों के दर्शन करवाते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम लाएं हैं श्री पंचमुख आंजनेय स्वामी।
 
दरअसल श्री पंचमुख आंजनेय स्वामी मंदिर तमिलनाडु के कुंभकोणम नामक स्थान पर स्थित है। यहां श्री हनुमान जी का एक बहुत अद्भुत मनभावन मठ है, जहां हनुमान जी का पंचमुखी रूप विग्रह के रूप में स्थापित है। श्रीपंचमुख आंजनेय स्वामीजी : तमिलनाडु के कुंभकोणम नामक स्थान पर श्रीपंचमुखी आंजनेयर स्वामीजी (श्रीहनुमानजी) का बहुत ही मनभावन मठ है। यहां पर श्री हनुमान जी का पंचमुख रूप में विग्रह स्थापित है, जो अत्यंत भव्य एवं दर्शनीय है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार जब अहिरावण व महिरावण श्री राम तथा उनके भाई लक्ष्मण को अगवा कर ले गए थे, तब अपने प्रभु को ढूंढने के लिए हनुमान जी ने पंचमुख रूप धारण कर इसी स्थान से अपनी खोज की शुरूआत की थी। फिर इसी रूप में उन्होंने उन अहिरावण और महिरावण का वध भी किया था। कहा जाता है कि हनुमान जी के इस पंचमुख रूप के दर्शन करने से मनुष्य को अपने सारे दुखों, संकटों एवं बंधनों से छुटकारा मिलता है।


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Content Writer

Jyoti

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