Hanuman Jayanti 2020: श्री हनुमान चालीसा की इन चौपाईयां के अर्थ समझने हैं ज़रूरी
punjabkesari.in Wednesday, Apr 08, 2020 - 01:32 PM (IST)
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आए दिन हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से प्राचीन काल में हुए महान विद्वानों के बारे में बताते रहते हैं। साथ ही इनके महानता को दर्शाने वाली इनकी द्वारा बताई गई नीतियां भी बताते हैं। जिन्हें आप भी अपने जीवन में उतार सके और जीवन को बेहतर बना सके। अब आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि हम आज भी आपके साथ कुछ ऐसा ही सांझा करने वाले हैं। मगर क्योंकि आज श्री राम के परम भक्त व हम सबके के संकटमोचन हनुमान जी का जन्मोत्सव का खास दिन है तो हम आपको इन्हीं से जुड़ी नीतियों से अगवत करवाएंगे।
आप में से लगभग हनुमान चालीसा का पाठ तो निरंतर करते ही होंगे मगर क्या आप जानते हैं हनुमान चालीसा की कुछ चौपाईयों हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती है। जी हां, इतना ही नहीं ये नीतियों व्यक्ति के जीवन की हर समस्या का समाधान भी है। तो कौन सी है ये चौपाईयां जानने के लिए आगे पढ़े-
भूत पिशाच निकट नहीं आवे।
महाबीर जब नाम सुनावे।।
अर्थात- जिस किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भय परेशान करता हो तो उसे प्रतिदिन इस चौपाई का पाठ करना चाहिए। तुलसीदास जी के अनुसार हनुमान चालीसा की ये चौपाई सभी तरह के भय और कष्टों से निजात दिलवाने में सक्षम मानी जाती है।
नासे रोग हरे सब पीरा।
जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।
अर्थात- जो व्यक्ति किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो और बहुत इलाज के बाद भी उसे छुटकारा पाने में सफल न हो रहा हो उसे प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठकर श्री हनुमान चालीसा की इस चौपाई का उच्चारण करना चाहिए।
अष्ट-सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
अर्थात- तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा की इस चौपाई के बारे में कहा जाता है कि पवनपुत्र हनुमान जी अष्ट यानि आठ सिद्धि तथा नौ निधियों को प्रदान करने वाले देवता है। जो भी जातक इस चौपाई का जाप करता है उस पर केसरीनंदन प्रसन्न होते हैं।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।
अर्थात- धन लाभ के साथ-साथ विद्या के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए प्रत्येक जातक को हनुमान चालीस की इस चौपाई पाठ करना चाहिए। मान्यता है इसके उच्चारण से सभी प्रकार की धन संबंधित परेशानियों का अंत होता है।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
अर्थात- जिस व्यक्ति को उसे शत्रुओं ने परेशान कर रखा हो उसे निरंतर इस चौपाई का जप करना चाहिए। इसके अलावा इस चौपाई के जप से कार्यों में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।
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