Geeta Jayanti Special 2019: जब-जब अधर्म बढ़ेगा, तब-तब मैं अवतार लूंगा
2019-12-08T09:47:26

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 08 दिसंबर मार्गशीर्ष माहशुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाएगा। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गीता एकादशी के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमदभागवत गीता का उपदेश दिया था। बताया जाता है गीता का ये ज्ञान श्रीकृष्ण ने अर्जुन कलयुग के प्रारंभ होने से लगभग 30 साल पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में दिया था, जो आज श्रीमद्भगवद गीता के नाम से प्रसिद्ध है।
बता दें श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों में से पहले 6 अध्यायों में कर्मयोग, फिर अगले 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्यायों में भक्तियोग का उपदेश है। प्रत्येक वर्ष गीता एकादशी मोक्षदा एकादशी के दिन ही पड़ती है। जो साल के नवंबर या दिसंबर के महीने में ही आती है। इस शुभ अवसर पर हम आपको श्री कृष्ण द्वारा बताए 10 बहुत ही सरल उपदेश बताने जा रहे हैं। कहा जाता है जो इन उपदेशों को अपने जीवन में अमल करता है उसे भी अपने जीवन में अर्जुन की तरह सफलता प्राप्त होती है। हिंदू धर्म के इस ग्रंथ के श्लोकों द्वारा श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवान ने राह दिखाई थी, ठीक आज भी इन उपदेशों को पढ़कर मनुष्यों को रास्ता मिल जाता है।
कर्म करो और फल की चिंता मत करो।
आत्मा न शस्त्र से कटती और ना आग से जलती है।
कर्म से बढ़कर और कुछ नहीं।
बुद्धि का नाश होने पर मनुष्य खुद का नाश कर बैठता है।
जब-जब अधर्म बढ़ेगा, तब-तब मैं अवतार लूंगा।
धर्म की स्थापना के लिए मैं प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं।
श्रेष्ठ पुरुष जो काम करते हैं, आम इंसान भी वैसा ही कार्य करते हैं।
इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्यों को ही शान्ति की प्राप्ति होती है।
शोक मत करो, मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्ति दिला दूंगा।
मनुष्य जिस मन से मेरा नाम लेता है मैं उसे वैसा ही फल देता हूं।