गायत्री जयंती के दिन इस विधि से करें मंत्र का जप

punjabkesari.in Friday, Jun 10, 2022 - 04:22 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि सभी जानते ही होंगे हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाता है और इस साल ये पर्व 11 जून यानि कि कल पड़ रहा है। इस दिन देवी गायत्री की विशेष रूप से आराधना की जाती है। इस दिन गाय6ी मंत्र का जाप करने से मनुष्य की सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही ज्ञान में वृद्धि होती है। बता दें कि गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में एक माना जाता है। जी हां दोस्तों, वेदों में गायत्री मंत्र का विस्तार पूर्वक से वर्णन किया गया है। मान्यता है कि इस मंत्र में इतनी ऊर्जा है कि नियमित रूप से तीन बार इस महामंत्र का जाप करने मात्र से ही जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं तो वही अगर इस मंत्र का जाप सही विधि से न किया जाए। तो इसका परिणाम बेहद ही अशुभ मिलता है। आइए जानते हैं गायत्री मंत्र जाप की विधि व जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

गायत्री मंत्र जाप की विधि-
सबसे पहले आपको बता दें कि गायत्री मंत्र का जाप किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। गायत्री मंत्र के जाप के लिए सूर्योदय व ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे उत्तम होता है। लेकिन शाम के समय भी गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप के लिए स्नान के साथ-साथ मन और आचरण को पवित्र रखें। फिर साफ और सूती वस्त्र पहनें। इसके बाद कुश या चटाई का आसन बिछाएं।. फिर ब्रह्म मुहूर्त के लगभग दो घंटे पहले पूर्व दिशा की ओर मुख करके गायत्री मंत्र का जाप करें। गायत्री मंत्र का जाप करते समय मंत्र के आगे और पीछे श्रीं का संपुट लगाएं। शाम के समय सूर्यास्त के 1 घंटे के अंदर जाप पूरा करें, ध्यान रखें कि शाम के समय पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके मंत्र का जाप करें। इससे आपको बेहद ही शुभ परिणाम मिलेगा।

गायत्री मंत्र का जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गायत्री मंत्र का जाप हमेशा स्नान करने के बाद ही करना चाहिए। बिना स्नान किए इस मंत्र का जाप न करें।
पीले कपड़े पहनकर ही गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। काले या नीले कपड़े पहनकर इस मंत्र का जाप अशुभ माना जाता है।
तो वही गायत्री मंत्र का जाप पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके करना चाहिए। दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके जाप करना शुभ नहीं होता।
गायत्री मंत्र का जाप 7, 11, 21 या 108 माला करना चाहिए।
वैसे तो गायत्री मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है परंतु गायत्री मंत्र का जाप करते समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है। मौन यानी मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन रात्रि में इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहि‌ए। माना जाता है कि रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं होता है।
इस मंत्र को जल्दी-जल्दी नहीं पढ़ना चाहिए। इसके महत्व और अर्थ को समझकर ही उच्चारण करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जाप के फायदे-
बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र का जाप बहुत फायदेमंद होता है। इस मंत्र के जाप से मन एकाग्र होता है और ज्ञान व बुद्धि में वृद्धि होती है। जो लोग शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में उत्साह एवं सकारात्मकता आती है और व्यक्ति खराब से खराब परिस्थिति को भी बहुत आसानी से धैर्यपूर्वक पार कर लेता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति सन्मार्ग की ओर प्रेरित होकर धर्म और सेवा जैसे कार्य करने लगता है। इतना ही नहीं इस मंत्र के जप से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। अगर किसी व्यक्ति को बहुत अधिक क्रोध आता है तो गायत्री मंत्र का जाप बहुत लाभदायक रहता है। इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति का क्रोध धीरे धीरे शांत होने लगता है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News