Gayatri Jayanti 2022: मां गायत्री के जन्मोत्सव पर करें ये जाप, भरेंगे भंडार

punjabkesari.in Saturday, Jun 11, 2022 - 07:59 AM (IST)

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Gayatri Jayanti 2022: ज्येष्ठ मास की शुक्ल एकादशी तिथि के दिन सर्वश्रेष्ठ निर्जला एकादशी को मां गायत्री की जयंती के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। मां गायत्री जिन्हें वेदमाता भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है मां गायत्री तीनों देवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराध्य देवी भी हैं। ब्रह्म जी के मुख से पहला वाक्य गायत्री मंत्र मां गायत्री की कृपा से निकला। चारों वेदों का ज्ञान भी माता गायत्री से ही प्राप्त हुआ। माता गायत्री का अद्भुत रूप पांच मुख, दस भुजाओं और समस्त ब्रह्माण्ड को ज्ञान व ऊर्जा देने वाला है। इनके चार मुख चार वेदों के, पांचवा मुख परा शक्ति का और दस भुजाओं को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है। सूर्य के तेज के समान मां की आभा से ही पूरा जगत दीप्यमान है। पुरातन युग में केवल देवताओं को इस सर्वशक्तिमान परमेश्वरी का ज्ञान था परन्तु महर्षि विश्वामित्र के प्रयत्नों और कठोर तप से माता गायत्री के बारे में जन मानस को ज्ञान हुआ। इस दिव्य मंत्र की महिमा पृथ्वी लोक तक पहुंची। 

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Importance and effect of Gayatri Mantra: आज के इस पावन अवसर पर माता के इस रूप को वंदन करें। उनके मन्त्रों का इस विधि द्वारा उच्चारण करें। जिस दिव्य मंत्र जप से देवताओं का भी उद्घर हो गया, जनमानस के लिए ये अमृत्म्यी औषधी का कार्य करता है। हर प्रकार के कष्टों का निवारण करता है। आज जब हम कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने भी पाया है की गायत्री मंत्र के उच्चारण से रोगियों को लाभ हुआ और उनकी इम्यूनिटी में भी वृद्धि हुई। इससे अच्छा प्रमाण और क्या हो सकता है। तो इस दिन का लाभ उठाएं।

Gayatri Mantra गायत्री मंत्र
'ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

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सर्वप्रथम आज के दिन सूर्य नमस्कार कर, सूर्य के प्रकाश में मां गायत्री का ध्यान करते हुए प्रणाम करें। उन्हें जल अर्पित करें। सच्चे मन से उनके चित्र के आगे नमन करें। लाल पुष्प, अक्षत, मिठाई आदि माता को समर्पित करें।

लाल आसन पर बैठकर माता गायत्री के मन्त्र का जाप ऊंचे स्वर में, साफ और स्पष्ट रूप से करें। इसकी ध्वनि से शरीर के अंदर आप कम्पन का अनुभव भी करेंगे। अपने पूरे परिवार को साथ बिठा कर अगर जाप करें तो और भी लाभ होगा। 

जिस स्थान पर गायत्री मंत्र का जाप निरंतर होता है, वहां पर रोग, निर्धनता और आलस्य जैसी समस्या नहीं होती। उस परिवार में प्रगतिवादी सोच रहती है।

गायत्री मंत्र के जाप की कम से कम 108 की संख्या और अधिक से अधिक समर्थता के अनुसार करें। इसके पश्चात गायत्री चालीसा पढ़ें। सपरिवार मां की आरती करें। सुख-समृद्धि और ज्ञान का वास सदैव आपके घर में रहेगा।

नीलम
8847472411 

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Content Writer

Niyati Bhandari

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