गणेश चतुर्थी 2021: श्री गणेश को अर्पित करें ये पत्ते, होगा लाभ ही लाभ

punjabkesari.in Friday, Sep 10, 2021 - 12:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज से यानि 10 सितंबर से भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दिन से लेकर अनंच चतुर्दशी तिथि तक देशभर के विभिन्न हिस्सों में धूम धाम से ये उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के अनुसार गणेश उत्सव के प्रांरभिक दिन लोग गाजे-बाजे के साथ बप्पा को अपने घर लाते हैं, और अनंत चतुर्दशी तक इनकी खूब सेवा करते हैं तथा अनंत चतुर्दशी तिथि को पावन नदियों आदि में विर्सजन कर देते हैं। 

कहा जाता है इस दौरान जो लोग उचित विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं, उन पर बप्पा की अपार कृपा बरसाते हैं। तो वहीं ज्योतिष शास्त्र में इस दिन से जुड़े कुछ खास उपाय आदि करने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। 

तो आइए जानते हैं श्री गणेश को प्रसन्न करने के उपाय। दरअसल ज्योतिष व धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि श्री गणेश को उनके मनपसंद पत्तों को खास मंत्रों का जप करते हुए अर्पित करें तो लाभ प्राप्त होता है। 

सबसे पहले भगवान श्री गणेश को शमी पत्र चढ़ाकर 'सुमुखाय नम:' मंत्र का जप करें। 

अब इसके उपरांत निम्न क्रम से यह पत्ते चढ़ाएं और नाम मंत्र बोलें-

बिल्वपत्र चढ़ाते समय जपें उमापुत्राय नम: का मंत्र जप करें। 

दूर्वादल चढ़ाते समय जपें गजमुखाय नम: का मंत्र जप करें।

बेर चढ़ाते समय जपें लम्बोदराय नम: का मंत्र जप करें।

धतूरे का पत्ता चढ़ाते समय जपें हरसूनवे नम: का मंत्र जप करें।

सेम का पत्ता चढ़ाते समय जपें वक्रतुण्डाय नम: का मंत्र जप करें।

तेजपत्ता चढ़ाते समय जपें चतुर्होत्रे नम: का मंत्र जप करें।

कनेर का पत्ता चढ़ाते समय जपें विकटाय नम: का मंत्र जप करें।

कदली या केले का पत्ता चढ़ाते समय जपें हेमतुंडाय नम: का मंत्र जप करें।

आक का पत्ता चढ़ाते समय जपें विनायकाय नम: का मंत्र जप करें।

अर्जुन का पत्ता चढ़ाते समय जपें कपिलाय नम: का मंत्र जप करें।

महुआ का पत्ता चढ़ाते समय जपें भालचन्द्राय नम: का मंत्र जप करें।

अगस्त्य वृक्ष का पत्ता चढ़ाते समय जपें सर्वेश्वराय नम: का मंत्र जप करें।

वनभंटा चढ़ाते समय जपें एकदन्ताय नम: का मंत्र जप करें।

भंगरैया का पत्ता चढ़ाते समय जपें गणाधीशाय नम: का मंत्र जप करें।

अपामार्ग का पत्ता चढ़ाते समय जपें गुहाग्रजाय नम: का मंत्र जप करें।

देवदारु का पत्ता चढ़ाते समय जपें वटवे नम: का मंत्र जप करें।

गान्धारी वृक्ष का पत्ता चढ़ाते समय जपें सुराग्रजाय नम: का मंत्र प करें।

सिंदूर वृक्ष का पत्ता चढ़ाते समय जपें हेरम्बाय नम: का मंत्र जप करें।

केतकी पत्ता चढ़ाते समय जपें सिद्धिविनायकाय नम: का मंत्र जप करें।

आखिर में दो दूर्वादल गंध, फूल और चावल गणेशजी को चढ़ाएं।
 

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Content Writer

Jyoti

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