दिवाली से पहले आई है ये खास रात, कर लें साल भर की आमदनी का इंतज़ाम

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 07:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

आज से 15 दिन पहले यानि 6 सितंबर, शुक्रवार को भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से महालक्ष्मी व्रत का आरंभ हुआ था। जिसका समापन कल 21 सितंबर, 2019 महालक्ष्मी व्रत के साथ होगा। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का उतना ही महत्व है, जितना की दिवाली पर होता है। आज के दिन अष्टलक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरुप की पूजा किए जाने का विधान है। हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की उपासना शुभ-लाभ देती है।

PunjabKesari  Gaj Laxmi Vrat Mahalaxmi Vrat 2019

इस विधि से करें पूजा
संध्या समय स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। अब एक पाटे पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर केसर और चन्दन से अष्टदल बनाएं। उस पर चावल रख कर कलश स्थापित करें। कलश के पास हल्दी से कमल बनाएं और महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। मिट्टी का हाथी संभव हो तो घर पर बनाएं अन्यथा बाजार से लाकर उसे सोने के गहनों से सजाएं। यदि आप में शक्ति हो तो मिट्टी, चांदी या सोने का हाथी पूजा में रखें। चांदी के हाथी का महत्व सबसे अधिक है। महालक्ष्मी के सामने श्रीयंत्र रखें। कमल अथवा गुलाब के फूलों को पूजा में अवश्य शामिल करें। इसके अतिरिक्त सोने-चांदी के सिक्के भी रखें। महालक्ष्मी की प्रतिमा पर कुंकुम, अक्षत और फूल चढ़ाकर मां के आठ रूपों का इन मंत्रों से जाप करें-
ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:
ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:
ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:
ॐ कामलक्ष्म्यै नम:
ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:
ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:
ॐ योगलक्ष्म्यै नम:

PunjabKesari  Gaj Laxmi Vrat Mahalaxmi Vrat 2019

सफेद रंग की मिठाई या खीर और फलों का भोग लगाएं। अंत में कपूर या घी के दीपक से महालक्ष्मी की आरती करें। घंटी और तालियां अवश्य बजाएं। जब आरती समाप्त हो जाए तो दीपक को सारे घर में ले जाएं। ऐसा करने से सारे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी। दिवाली से पहले तिजोरी भरने की ये खास रात है। मान्यता के अनुसार इस विधि से पूजा कर लेंगे तो साल भर की आमदनी का इंतज़ाम हो जाता है।

PunjabKesari  Gaj Laxmi Vrat Mahalaxmi Vrat 2019

महालक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय
जिस घर तुम रहती, तहं सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News