जब एक छोटे बालक से प्रभावित हुई फ्रांसीसी गायिका

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2020 - 10:36 AM (IST)

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एक बार फ्रांसीसी गायिका मेलिथान के पास एक गरीब फटेहाल बालक आया। उसको पास देखकर मेलिथान बोलीं, ''बच्चे, तुम्हें क्या चाहिए? तुम मेरे पास क्यों आए हो? बालक बोला, ''मैडम, मेरा नाम पीयरे है। मैं आपके पास बहुत आशा से आया हूं। क्या आप मेरी मदद करेंगी? मेलिथान बोलीं, ''हां बेटे, मैं तुम्हारी मदद करूंगी। बताओ तुम्हारी समस्या क्या है? इस पर बालक बोला, ''मेरी मां बहुत बीमार है मगर मेरे पास उनका इलाज कराने के लिए पैसे नहीं हैं। यह सुनकर मेलिथान बोलीं, ''बोलो, मैं तुम्हारी मदद के लिए कितने पैसे दूं...? मेलिथान अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाई थीं कि बालक बीच में ही बोल पड़ा, ''क्षमा करें मैडम, मैं आपसे मुफ्त में मदद नहीं लेना चाहता। नन्हे से बालक की यह बात सुनकर मेलिथान हैरान हो गईं और बोलीं, ''कैसी सहायता चाहते हो?
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पीयरे बोला, ''मैडम, मैं आपसे यह निवेदन करने आया था कि मैंने एक कविता लिखी है। आप मुझे अपनी संगीत सभा में यह कविता गाने का अवसर प्रदान करें। आप जो उचित समझें, वह पारिश्रमिक मुझे दे देना। नन्हे से बालक की इस बात से मेलिथान बेहद प्रभावित हुईं और उन्होंने पीयरे को अपने कार्यक्रम में अकेले गाने का अवसर दिया।
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बालक पीयरे की कविता वहां उपस्थित सभी लोगों के दिलों को छू गई। सभी की आंखें भीग गईं और वह कार्यक्रम इतना सफल हुआ कि स्टेज पर खड़े लोगों पर पैसे बरसने लगे लेकिन मेलिथान ने दरियादिली दिखाते हुए सारे पैसे पीयरे की मां को सौंप दिए और बोलीं, ''आपका बेटा बेहद काबिल है और वही इन पैसों का असली हकदार है। अब न सिर्फ आपकी बीमारी भाग जाएगी बल्कि आपका जीवन भी संवर जाएगा। पीयरे की मां यह सुनकर कृतज्ञता से गद्गद् हो गईं और उन्होंने मेलिथान के प्रति आभार प्रकट किया।


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