एकदंत संकष्टी चतुर्थी: इस स्तुति के जाप से मिलेगा शिव परिवार का आशीष

punjabkesari.in Saturday, May 29, 2021 - 02:19 PM (IST)

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जैसे कि अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको बता चुके हैं कि पंचांग के अनुसार आज एकदंत एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है। धार्मिक दृष्टि से इस व्रत का अधिक महत्व है। कहा जाता है प्रत्येक मास में पढ़ने वाला एकादशी व प्रदोष व्रत खास होता है, तथा व्रत व उपवास करने से लाभ मिलता है। ठीक उसी तरह हर मास में आने वाली चतुर्थी तिथि भी खास मानी जाती है। सनातन धर्म के अनुसार इस दिन शिव जी के पुत्र गणेश जी की पूजा की जाती है। धार्मिक व ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दिन गणेश भगवान की विधि विधान से पूजा करने से जातक को विशेष प्रकार की कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं बल्कि कहा जाता हैै चतुर्थी के दिन इनकी आराधना से भगवान शिव और माता पार्वती भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। कई धार्मिक ग्रंथों में वर्णन किया गया है कि हिंदू धर्म से जुडे प्रत्येक धार्मिक कार्य व अनुष्ठान के दौरान सबसे पहले इनका आवाहन किया जाता है। इनकी उपासना से व्यक्ति के जीवन की सभी प्रकार की बाधाएं व समस्याएं दूर हो जाती हैं।

इस दिन इनकी विधि वत पूजा करने के बाद इनकी स्तुति व आरती का गान जरूर करना चाहिए। साथ ही साथ गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि में चंद्रमा के दर्शन कर उनके मंत्रों का जप करना चाहिए। इसके अलावा इनकी किस स्तुति व आरती का गुणगान करना चाहिए जानें यहां-

श्लोक
ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्,
कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥

गणेश स्तुति
गाइए गणपति जगवंदन।
शंकर सुवन भवानी के नंदन।।
गाइए गणपति जगवंदन......
सिद्धी सदन गजवदन विनायक।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक।।
गाइए गणपति जगवंदन......
मोदक प्रिय मृद मंगल दाता।
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता।।
गाइए गणपति जगवंदन......
मांगत तुलसीदास कर जोरे।
बसहिं रामसिय मानस मोरे।।
गाइए गणपति जगवंदन......

गणेश आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा, ल
ड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।


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Content Writer

Jyoti

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