1 क्लिक में जानें कुंडली के कौन से भाव में बैठे हैं गुरु ग्रह
punjabkesari.in Thursday, Mar 05, 2020 - 04:06 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारी कुंडली के ग्रह जब अपनी चाल बदलते हैं तो उसका कोई न कोई असर हमारे ऊपर यानि मानव जीवन पर ज़रूर पड़ता है। कुछ के लिए ये प्रभाव अच्छा होता है तो कुछ के लिए बुरा । मगर प्रश्न ये है कि पता कैसे चलता है कि कुंडली के इस भाव में ग्रह अच्छा या बुरा प्रभाव प्रदान करते हैं। बता दें कि इसमें मदद करता है ज्योतिष शास्त्र। जी हां, इसकी मदद से हर व्यक्ति जान सकता है कि कौन सा ग्रह कुंडली के किस भाव यानि घर में बैठा है और कैसा प्रभाव दे रहा है। आज गुरुवार के दिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि बृहस्पति ग्रह के बारे में कि जब वो अपना गृह स्थल बदलते हैं तो क्या-क्या हो सकता है। और अगर इस दौरान कुछ बुरा होने के संकेत मिले तो व्यक्ति को क्या करना चाहिए।
बृहस्पति खाना नंबर 3
भाई और बहनों से अच्छे संबंध बना कर रखें। अपने जीवन काल में कभी भूलवश भी दुर्गा मां का अपमान न करें बल्कि माता दुर्गा की आराधना कर भोग लगाकर आशीष लें। कन्याओं का सम्मान करें।
बृहस्पति खाना नंबर 4
ज्योतिषी सलाह देते हैं कि दसवें घर में गुरु के शत्रु ग्रह हैं तो सवधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर बदनामी हो सकती है। बहन, पत्नी और मां का सम्मान करें। इसके अलावा यहां बैठे गुरु अधिक परेशानी देते हैं। इससे बचने के लिए घर में मंदिर स्थापित नहीं करें। बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें व नाग देवता को दूध पिलाएं।
बृहस्पति खाना नंबर 5
इस दौरान औलाद ही दौलत और सुख-शांति है इसलिए उसे दुखी न करें। अग अशुभ केतु ग्यारहवें घर में हो तो धर्म के नाम पर किसी से कुछ न लें। धर्मार्थ कोई भी काम न करें। तथा किसी से भी दान या उपहार न लें।
बृहस्पति खाना नंबर 6
जब बृहस्पति कुंडली के छठें भाव में हो तो बहन, मौसी, बुआ से अच्छा व्यवहार रखें। मेहनत सेकमाएं पर ही गुजारा करें। लापरवाही और आलस्य को त्याग दें। प्राप्त चिजोंकी कदर करें। गुरु से संबंधित वस्तुओं का मंदिर में दान करें। मुर्गे कोदाना देना डालें। साधु यापंडित को वस्त्र दान दें।
बृहस्पति खाना नंबर 7
इस दौरान घर में मंदिर का होना वर्जित माना जाता है। साथ ही साथ इस दौरान कपड़ों का दान करना भी अशुभ होता। इसके अलावा पराई स्त्री से संबंध न रखें व जितनी संभव हो भगवान शिव की आराधना करें।