Dussehra: विजयदशमी पर बनेंगे शुभ योग, शत्रुओं के हर वार का जवाब हैं ये रामबाण उपाय

punjabkesari.in Wednesday, Oct 05, 2022 - 05:56 AM (IST)

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Vijayadashami 2022: हर वर्ष अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक दशहरा पूरे भारत वर्ष में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरे का त्यौहार पड़ता है और इस बार 5 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। दशहरे को स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहा जाता है। इस दिन किए गए हर कार्य की शुरुआत सफल होती है और शुरू किया हर कार्य निर्विघ्न पूर्ण हो जाता है। वैसे तो दशहरे के दिन किसी विशेष मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं है परंतु फिर भी इस साल 5 अक्टूबर को कुछ विशेष मुहूर्त बन रहे हैं जैसे कि दशहरे की तिथि 4 अक्टूबर को दोपहर 2:22 से शुरू होकर 5 अक्टूबर को 12:00 बजे तक रहेगी परंतु तिथि उदय को आधार मानते हुए 5 अक्टूबर को ही दशहरा मनाया जाएगा। 4 अक्टूबर रात्रि 10:53 से श्रवण नक्षत्र की शुरुआत हो जाएगी, यह तिथि 5 अक्टूबर को रात्रि 9:00 बज कर 27 मिनट तक रहेगी। 

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Vijayadashami shubh muhurat: 5 अक्टूबर दिन बुधवार को 2:00 बज कर 2 मिनट से 2:53 तक विजय मुहूर्त रहेगा। जैसा कि बताया गया है कि दशहरा स्वयं सिद्ध मुहूर्त होने के कारण किसी भी समय आप अपने नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं परंतु इस विशेष मुहूर्त के समय की गई पूजा साधना किसी अच्छे काम की शुरुआत, किसी प्रकार का व्यापारिक फैसला बिना किसी बाधा के संपूर्ण होगा और पूजा पाठ का कई गुना ज्यादा फल आपको प्राप्त होगा। 

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इसके अलावा एक और शुभ मुहूर्त अमृत काल का समय सुबह 11:00 बज कर 37 मिनट से 1:00 बज कर 3 मिनट तक रहेगा। इस काल में अपने इष्ट का ध्यान करें, व निरोगी काया के लिए शतावरी नामक औषधि का सेवन करें। आज के दिन शमी के पौधे की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। 

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दशहरे का पर्व जहां एक और राम जी द्वारा रावण के वध के कारण शुभ दिन बन जाता है। वहीं आज ही के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, यहां उल्लेखनीय है कि दशहरा पर्व राम जी के रावण का वध करने से पूर्व के समय से मनाने की प्रथा चली आ रही है इसीलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है।

नीलम
8847472411

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Content Writer

Niyati Bhandari

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